राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने इस बार पेपरलेस बजट पेश किया. इस दौरान सभी 196 विधायकों को टेबलैट (Tablet) के साथ बजट की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध करवाई गई. इस टेबलैट की कीमत 40 हजार रुपये बताई जा रही है.
राजस्थान विधानसभा में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की ओर से बुधवार को बजट में की गई घोषणायें कब पूरी होंगी इसको लिए जनता को इंतजार करना होगा. लेकिन बजट पेश करते ही राजस्थान के 196 विधायकों (MLAs) को बजट का तोहफा (Big Gift) जरुर मिल गया है. गहलोत ने इस बार पेपरलैस बजट पेश किया था. इस दौरान सभी विधायकों को बजट की सॉफ्ट कॉपी एक टेबलेट (Tablet) में दी गई थी.
विधायकों को ये टेबलैट भी एक ब्रिफकेस में दिया गया. विधायकों को दिए टेबलैट की कीमत 40 हजार बताई जा रही है. हर विधायक को मुख्यमंत्री ने चालीस हजार का तोहफा बजट भाषण के ब्रिफकेस में बंद करके दे दिया. सभी पार्टियों के विधायकों को ये तोहफा बिना किसी भेदभाव के दिया गया है. लेकिन ना तो सरकार और ना ही विधायक इसे तोहफा मान रहे हैं.
इस बार बजट डिजिटली रूप से पेश किया गया था
दरअसल कोरोना की वजह से इस बार बजट डिजिटली रूप से पेश किया गया था. बजट भाषण इस बार छपी हुई कॉपी की जगह डिजिटल थी. इसलिए टेबलैट में विधायकों को बजट भाषण की डिजिटल कॉपी भी दी गई. वैसे विधायकों के लिए पहले से ही प्रावधान है कि वे 90 हजार खर्च कर लेपटॉप या टेबलैट खरीद सकते हैं. अधिकतर विधायकों ने इनको खरीद भी लिया.
पायलट गुट की बगावत और वापसी के बाद विधायकों की कद्र और बढ़ गई है
विधायकों को ब्रिफकेस तो पहले भी बजट के बाद दिए जाते रहे हैं. सरकार चाहे किसी पार्टी की रही हो वह विधायकों की सुविधा का हमेशा से ख्याल रखती आई है. पिछले साल सचिन पायलट गुट की बगावत और वापसी के बाद विधायकों की कद्र और बढ़ गई है. वसुंधरा राजे जब सीएम थी तब भी सत्र खत्म होने के बाद विधायकों को तोहफे देना, फिल्म दिखाना और डिनर देने की परंपरा रही है. सत्ता बदलने पर तरीका भले ही बदला गया हो लेकिन विधायकों का ख्याल रखने की परंपरा जारी है.