भारत पिछले साल मार्च में कोरोना संक्रमण फैलने के दौरान दिल्ली सरकार के आदेशों पर तबलीगी जमात का मरकज निजामुद्दीन बंद कर दिया गया था. लेकिन अब इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में खुलवाने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से याचिका भी दायर की गई थी. इस पर आज कोर्ट में सुनवाई भी की गई. इस मामले पर अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी. हाईकोर्ट ने मामले पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
देश और दिल्ली में कोरोना वायरस (Corona Virus) के फैलने को लेकर तबलीगी जमात का मरकज निजामुद्दीन (Nizamuddin Markaz)पिछले साल बड़ी सुर्खियों में आया था.
कोरोनावायरस को फैलाने में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) पर गंभीर आरोप भी लगे थे. और केंद्र सरकार ने भी इस जमात के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था.
इसके चलते दिल्ली सरकार (Delhi Government) के आदेशों पर तबलीगी जमात का मरकज निजामुद्दीन बंद कर दिया गया था. लेकिन अब इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में खुलवाने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) की ओर से याचिका भी दायर की गई थी. इस पर आज कोर्ट में सुनवाई भी की गई. इस मामले पर अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार (Central Government) और दिल्ली सरकार दोनों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए बताया गया है कि निजामुद्दीन मरकज परिसर को धार्मिक आयोजन के लिए फिलहाल अब खोला जा सकता है.
दिल्ली सरकार के वकील की ओर से हाई कोर्ट में दलील दी गई है कि निजामुद्दीन मरकज मामले में ज्यादातर मामलों में ज्यादातर विदेशी जमातियों को या तो बरी कर दिया गया है या वह अपने देश वापस जा चुके हैं. और कुछ के ऊपर मुकदमा अभी भी चल रहा है.
जमात के निजामुद्दीन मरकज को खुलवाने के लिए जिस दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, उसको दिल्ली सरकार की ओर से मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिये हर साल 32 करोड़ का बजट भी आवंटित किया जाता है.