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राज्यसभा से कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की विदाई, रो-रोकर पीएम मोदी ने तारीफ में गढ़े कसीदे

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राज्यसभा से आज कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद समेत चार सदस्यों की विदाई हो रही है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रो-रोकर गुलाम नबी आजाद की तारीफ में कसीदे गढ़े. पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि गुलाम नबी आजाद ने उस दिन उनको फोन किया और वह फोन पर ही बहुत रो रहे थे. उस वक्त मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. गुलाम नबी आजाद से मेरे रिश्ते दोस्ताना रहे हैं. राजनीति में बहस वार पलटवार चलता रहता है. लेकिन एक मित्र होने के नाते मैं उनका बहुत आदर करता हूं.

सिर्फ दल की ही नहीं, देश की भी चिंका करते थे गुलाम नबी- मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ”मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी आजाद जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे उनको गुलाम नबी दी से मैच करने में बहुत दिक्कते होंगी, क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे. साथ ही देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे. ये छोटी बात नहीं है. वरना विपक्ष के नेता के रूप में हर कोई अपना दबदबा कायम करना चाहता है. मैं शरद पवार जी को भी इसी कैटेगरी में रखता हूं.” उन्होंने कहा, ”कोरोना काल के दौरान मुझे गुलाम नबी जी का फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि सभी पार्टी अध्यक्षों की मीटिंग जरूर बुलाइए. इसके बाद मैंने गुलाम नबी जी के सुझाव पर मीटिंग बुलाई.”

सिर्फ दल की ही नहीं, देश की भी चिंका करते थे गुलाम नबी- मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ”मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी आजाद जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे उनको गुलाम नबी दी से मैच करने में बहुत दिक्कते होंगी, क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे. साथ ही देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे. ये छोटी बात नहीं है. वरना विपक्ष के नेता के रूप में हर कोई अपना दबदबा कायम करना चाहता है. मैं शरद पवार जी को भी इसी कैटेगरी में रखता हूं.” उन्होंने कहा, ”कोरोना काल के दौरान मुझे गुलाम नबी जी का फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि सभी पार्टी अध्यक्षों की मीटिंग जरूर बुलाइए. इसके बाद मैंने गुलाम नबी जी के सुझाव पर मीटिंग बुलाई.”

पीएम मोदी ने आगे कहा, ”वह फोन मुझे सूचना देने का नहीं था. उनके आंसू रुक नहीं रहे थे. उस वक्त प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे. मैंने उन्हें फोन किया कि अगर फोर्स का हवाईजहाज मिल जाए शव लाने के लिए तो सही रहेगा. उन्होंने कहा कि मैं व्यवस्था करता हूं. इसके बाद गुलाम नबी आजाद जी का एयरपोर्ट से फिर से फोन आया. जैसे कोई अपने परिवार की चिंका करता है, वैसे ही चिंता गुलाम नबी आजाद ने उस दिन की. वो मेरे लिए बहुत भावुक पल था.

घटना और अनुभवों के आधार पर मैं गुलाम नबी का आदर करता हूं- मोदी

मोदी ने कहा, ”पद और सत्ता जीवन में आती रहती है, लेकिन उसे कैसे पचाना है…..सुबह मेरे पास फिर फोन आया कि मोदी जी शव पहुंच गए हैं.” पीएम ने कहा, ”इसलिए एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी को घटना और अनुभवों के आधार पर मैं आदर करता हूं. और मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी सौम्यता, उनकी विनम्रता और देश के लिए कुछ करने की चाह, कभी उनको चैन से बैठने नहीं देगी. मैं विश्वास है कि जो भी दायित्व वह संभालेंगे, जरूर अपना योगदान देंगे. मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं”

किन सांसदों की हुई विदाई?

गुलाम नबी आजाद
शमशेर सिंह
मोहम्मद फयाज
नाजिर अहमद