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MP अजब है! लोन देने में आनाकानी की तो दबाव बनाने CMO ने बैंकों के सामने डलवा दिया कचरा

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Raisen News: मध्य प्रदेश के रायसेन में प्रधानमंत्री स्वयं निधि योजना के तहत फुटपाथी दुकानदारों को बैंक से लोन न मिलने पर नगर पालिका के सीएमओ ने दबाव बनाने को निकाला तरीका.

मध्य प्रदेश के रायसेन में बैंकों पर लोन (Bank Loan) देने का दबाव बनाने का एक नया तरीका सामने आया है. रायसेन जिले (Raisen News) के बेगमगंज में मुख्य नगरपालिका अधिकारी धीरज कुमार शर्मा ने फुटपाथ पर दुकान चलाने वालों को लोन दिलाने के लिए संबंधित बैंकों में प्रकरण भेजे थे. प्रधानमंत्री स्वयं निधि योजना के अंतर्गत छोटे पथ विक्रेताओं को 10-10 हजार रुपए का ऋण दिया जाना था. लेकिन बैंक के प्रबंधकों ने योजना को गंभीरता से नहीं लिया. इस कारण सीएमओ को मीटिंग में कलेक्टर की डांट खानी पड़ रही थी. ऐसे में सीएमओ ने बैंकों को सबक सिखाने के लिए दफ्तरों के सामने कचरा डलवा दिया.

नगर पालिका परिषद ने प्रधानमंत्री स्वयं निधि योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक एवं मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखाओं को आवेदन भेजा था. लक्ष्य के अनुसार भेजे गए ऋणों में 75 प्रतिशत ऋण मंजूर कर बैंकों ने पथ विक्रेताओं को लोन बांट दिए. लेकिन दिसंबर 2020 में जब नगर पालिका ने बैंकों को नया टारगेट भेजा, तो बैंक टालमटोल करने लगे. इसके बाद ही सीएमओ ने बैंकों पर दबाव डलवाने के लिए उनके दफ्तरों के बाहर कचरा डलवा दिया.

…तो करवाई सफाई
चारों बैंक के सामने कचरा फेंके जाने का मामला जब ऊपर के अधिकारियों तक पहुंचा, तो हड़कंप मचा. इसके बाद नगर पालिका के सफाईकर्मियों आनन-फानन में कचरे की सफाई कर दी. भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक प्रताप सिंह ने बताया कि नगर पालिका परिषद द्वारा पूर्व में 350 प्रकरण का लक्ष्य दिया गया था, जिनमें 333 स्वीकृत कर पथ विक्रेताओं को राशि वितरण कर दी गई थी. पुनः दिसंबर 2020 में 350 प्रकरणों का लक्ष्य दिया गया, जिसमें से शाखा में केवल 40 आवेदक पहुंचे थे. इन सभी की प्रक्रिया पूरी करने के बाद 27 आवेदकों को ऋण दे दिया गया, बाकी का काम जारी है.

लोन को लेकर दी ये जानकारी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक चंद्र प्रकाश वर्मा ने बताया कि पूर्व में उन्हें 200 का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से 205 के लोन मंजूर हो चुके हैं. 27 जनवरी 2021 को एक पत्र के जरिये 123 लोन के मामले तत्काल स्वीकृत करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही 500 अन्य प्रकरण भी स्वीकृत कराना चाहते हैं, लेकिन आवेदकों के आने के बाद सभी खानापूर्ति के उपरांत ही ऋण वितरण किया जाएगा.

इधर, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक रोहित गर्ग ने बताया कि उन्हें 75 प्रकरण का टारगेट मिला था, जिसमें 28 प्रकरण में ऋण वितरण कर दिया गया है, शेष में कार्रवाई जारी है. मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक संध्याकालीन शाखा प्रबंधक जेयस कुमार असनानी का कहना है कि उनकी शाखा में 35 प्रकरण आए थे. सभी स्वीकृत कर ऋण वितरण किया जा चुका है. जबकि आईसीआई बैंक के प्रभारी शाखा प्रबंधक देवराज सिंह राजपूत ने बताया कि उनकी शाखा में 20 प्रकरण आए थे, जिनमें से एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं किया गया है.