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किसान आंदोलनः सुब्रमण्यम स्वामी ने सुझाया सरकार और किसान के बीच गतिरोध खत्म करने का फॉर्मूला

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Subramanian Swamy on Farmers Protest: स्वामी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि दर्जन भर बीजेपी सांसदों (BJP MPs) ने मंगलवार को मुझसे पूछा कि किसान आंदोलन (Farmers Movement) से कैसे निपटा जाए.

किसान आंदोलन (Farmers Agitation) के मुद्दे पर बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच के गतिरोध को खत्म करने का फॉर्मूला सुझाया है. स्वामी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि दर्जन भर बीजेपी सांसदों (BJP MPs) ने मंगलवार को मुझसे पूछा कि किसान आंदोलन (Farmers Movement) से कैसे निपटा जाए. मैंने सलाह दी कि चारों एक्ट को लागू करने के लिए नियम ये होने चाहिए कि कानून उन्हीं राज्यों में लागू होंगे, जहां कि सरकार केंद्र से कानून लागू करने की मांग करेगी. सभी सांसदों ने सहमति जताई.

हालांकि स्वामी ने उन बीजेपी नेताओं के नाम का खुलासा नहीं किया, जिन्होंने उनके फॉर्मूले से सहमति जताई और ये भी तय नहीं है कि क्या केंद्र सरकार सुब्रह्मण्यम स्वामी के सुझावों पर गौर करेगी. ये पहली बार नहीं है जब सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन को लेकर अलग रुख अपनाया है. गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर ट्वीट करते हुए स्वामी ने अपनी पार्टी से कहा, “प्लीज वेक अप”. कई सारे ट्वीट की अपनी सीरीज में स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की इमेज को तगड़ा झटका लगा है.

27 जनवरी को किए अपने ट्वीट में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि किसान आंदोलन में कृषि व्यवसाय से जुड़े दो लोगों के लिए सम्मान खत्म हो गया है. पहला- पंजाब के कांग्रेस-अकाली नेताओं और मिडिलमैन के लिए, दूसरा- मोदी और शाह की कड़े प्रशासक वाली इमेज के लिए. आंदोलन से नक्सलियों, ड्रग कारोबारियों, आईएसआई और खालिस्तानियों का फायदा हुआ है. बीजेपी प्लीज वेक अप!

दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मंगलवार को कहा कि किसान आंदोलन (Farmers Movement) अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होगा और हमारा नारा है कि कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं. इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने मंगलवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की. किसानों के विरोध स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

राउत दोपहर में करीब एक बजे गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और मंच के पास टिकैत और अन्य प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की. उस समय राउत सहित कुछ लोगों ने ही मास्क पहन रखे थे. राउत ने कहा, ‘‘26 जनवरी के बाद जिस तरह से यहां तोड़फोड़ हुई और टिकैत तथा आंदोलन के दमन की कोशिश की गई, हमने महसूस किया कि किसानों के साथ खड़े रहना और पूरे महाराष्ट्र, शिवसेना और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) साहब की ओर से समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है.’