वित्तमंत्री सीतारमण (FM nirmala sitharaman) ने कल देश का बट पेश किया है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर और इक्विटी मार्केट को लेकर कई बड़े ऐलान किए गए, जिससे देश की इकोनॉमी को एक बार फिर से पटरी पर लाया जा सके.
वित्तमंत्री सीतारमण (FM nirmala sitharaman) ने कल देश का बट पेश किया है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर और इक्विटी मार्केट को लेकर कई बड़े ऐलान किए गए. बजट में निजीकरण, सरकारी कंपनियों की सेल्स ऑफ इंक्विटी, इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने, बैंक की पुस्तकों से बैड डेव्ट्स, फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट, सरकारी जमीन बेचने, पोर्ट्स, एयरपोर्ट, रोड, पाइपलाइन जैसी कई चीजों को लेकर बड़े ऐलान किए गए हैं, जिससे देश की इकोनॉमी को एक बार फिर से पटरी पर लाया जा सके.
ऑस्ट्रियाई समाजशास्त्री Rudolf Goldscheid ने इंडियन बजट के बारे में कहा कि यह बजट सभी भ्रामक विचारधाराओं का कंकाल है. बता दें कोरोना वायरस के बाद इस बजट को विकास के रूप में पेश किया है. फाइनेंशियल ईयर 2022 के विकास को ध्यान में रखते हुए बजट में सभी सेक्टर के लिए ऐलान किए गए हैं. वित्त वर्ष 2021 के संशोधित अनिमानों की तुलना में यह कुल व्यय का 0.95 फीसदी अधिक है.
कम होगा फिस्कल डेफिसिट
बजट भाषण के दौरान सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की तुलना में बजटीय घाटा कम है. आपको बता दें सबसे अच्छी बात यह है कि वित्त वर्ष 2023 में भी घाटे की कोई ज्यादा संभावना नहीं होगी, इसके साथ ही यह साल 2025-26 में धीरे-धीरे कम हो जाएगा. यह घाटा 4.5 फीसदी तक नीचे जाएगा. वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जोकि 2021 में 9.5 फीसदी रह सकता है.
शार्ट टर्म ग्रोथ पर फोकस करने से ज्यादा जरूरी है घाटे को कम करना
आपको बता दें शार्ट टर्म ग्रोथ पर फोकस करने से ज्यादा जरूरी फिस्कल डेफिसिट को कम करना है. इसके अलावा वित्तमंत्री ने कहा कि निजीकरण और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने उत्पादकता में सुधार होगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी.
आपको बता दें चालू वर्ष के बजट अनुमानों के साथ FY22 के बजट अनुमानों की तुलना करना सबसे अच्छा है, क्योंकि महामारी ने प्राथमिकताओं को कम कर दिया है. इसके अलावा वित्त मंत्री ने बजट में 6 पिलर्स के नाम, स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी, और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन, गिनाए.
आपको बता दें- Agriculture & allied एक्टिविटज – 4 प्रतिशत नीचे; स्वास्थ्य- 10.4 प्रतिशत; शिक्षा- 6 प्रतिशत नीचे; ग्रामीण विकास – मुख्य रूप से ग्रामीण पेयजल मिशन के लिए आवंटन के कारण 34 प्रतिशत; सामाजिक कल्याण – 10 प्रतिशत नीचे; शहरी विकास -9 प्रतिशत; रक्षा- 7.4 प्रतिशत नीचे हैं.