दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना की जाएगी. इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में जहां इस साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने जा रहे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं.
केेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अगले वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिये अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 27.1 लाख करोड़ राशि का बजट में प्रावधान किया है.
कोरोना (Corona) संक्रमण जैसी महामारी से जूझ रही दुनिया से अलग अपने हेल्थ सेक्टर को केंद्र सरकार ने और ज्यादा दुरूस्त व मजबूत बनाने के लिये हर चरणबद्ध तरीके से हर राज्य में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स (AIIMS) स्थापित करने की घोषणा की है. केेंद्र सरकार ने सभी प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत स्थापित करने का फैसला किया है. केंद्र सरकार का दूसरे चरण में चुनावी राज्यों पश्चिम बंगाल और यूपी में एम्स स्थापित करने पर ज्यादा फोकस है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में घोषणा की है कि इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में एम्स जैसे 6 संस्थानों की स्थापना भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में की जा चुकी है. इनको अपग्रेड करने और तमाम सुविधाओं से लैस किये जाने की योजना भी है.
वहीं, दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना की जाएगी. इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में जहां इस साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने जा रहे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं.
बजट भाषण में यह भी ऐलान किया गया कि पीएमएसएसवाई के पहले चरण में ही 13 मौजूदा सरकारी चिकित्सा काॅलेज संस्थानों की स्थापना की जाएगी. इसके साथ ही दूसरे चरण में 6 संस्थानों और तीसरे चरण मेें 39 संस्थानों को अपग्रेड करने की योजना तैयार की गई है. निर्मला सीतारमण ने सदन को अवगत कराते हुये यह भी बताया है कि हर राज्य में स्थापित होने वाले एम्स चरण 6 के तहत स्थापित किये जाएंगे.
वहीं केंद्र सरकार 12 सरकारी मेडिकल काॅलेजों को भी दर्जा बढ़ाएगी. इसका बजट में प्रस्ताव किया गया. केंद्र सरकार ने अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिये इस सभी के लिये अलग-अलग राशि का प्रावधान भी किया है. कोरोना काल के बाद सरकार ने यह महसूस किया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करने की जरूरत है.