Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को दिए गए अपने एक बयान में बताया है कि इस बार गोल्ड सब्सक्रिप्शन की कीमत 4,912 रुपये प्रति ग्राम तय किया है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Soverign Gold Bond) में सब्सक्रिप्शन का मौका एक बार फिर खुलने वाला है. केंद्र सरकार की तरफ से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बार गोल्ड सब्सक्रिप्शन की कीमत 4,912 रुपये प्रति ग्राम तय की है. यह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 सीरीज का ग्यारहवां (Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21 Series XI) मौका है. निवेशकों के पास इसमें निवेश करने के लिए 1 फरवरी से 5 फरवरी 2021 तक का मौका है.
आरबीआई ने इस बयान में यह भी बताया है कि इस बॉन्ड की ऑनलाइन पेमेंट और खरीदारी करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम डिस्काउंट देने का निर्णय भी लिया गया है. ऐसे निवेशको के लिए इस गोल्ड बॉन्ड की कीमत 4862 रुपये प्रति ग्राम होगी.
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा है कि बॉन्ड का नॉमिनल वैल्यू 4912 रुपये तय हुई. बॉन्ड का मूल्य इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिडेट (IBJA) द्वारा दी गई 27 से 29 जनवरी के बीच 999 प्योरिटी वाले गोल्ड के औसत क्लोजिंग प्राइस के आधार पर तय की गई है.
>> सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 400 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है.इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं. बॉन्ड को ट्रस्टी व्यक्तियों, HUF, ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों को बिक्री के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा.
>> सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के हर आवेदन के साथ निवेशक PAN जरूरी है. सभी कमर्शियल बैंक (आरआरबी, लघु वित्त बैंक और भुगतान बैंक को छोड़कर), डाकघर, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या सीधे एजेंटों के माध्यम से आवेदन प्राप्त करने और ग्राहकों को सभी सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत हैं.
1; गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा. निवेशकों को कम से कम 1 ग्राम का बॉन्ड खरीदने की भी सुविधा मिलती है. निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन लेने की भी सुविधा है. पूंजी और ब्याज दोनों की सरकारी (सॉवरेन) गारंटी मिलती है. इंडिविजुअल को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा. कर्ज लेने के लिए गोल्ड बॉन्ड का इस्तेमाल कोलेट्रल के रूप में किया जा सकता है. इसके अलावा गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर टीडीएस (TDS) भी नहीं कटता है.
2; आरबीआई ने गोल्ड बॉन्ड के तहत सोने का भाव इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा पब्लिश की जाने वाली औसत क्लोजिंग प्राइस के आधार पर तय की है. यह 999 शुद्धता वाले सोने के लिए है.
3; गोल्ड बॉन्ड को स्मॉल फाइनेंस बैंकों या पेमेंट बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन आफ इंडिया, पोस्ट ऑफिस, व NSE और BSE के जरिए निवेश किया जा सकता है. जानकारों का मानना है कि नॉन फिजिकल गोल्ड में निवेश करने के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक प्रभावी तरीका है. अगर गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाला मैच्योरिटी तक रुकता है तो उन्हें इसके कई फायदे मिलते हैं