गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों (Farmers) द्वारा किये गये उपद्रव के बाद अब हवा का रुख भी इस आंदोलन के खिलाफ होने लग गया है. आज राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर इलाके के 42 गांवों के लोगों ने महापंचायत कर रविवार को शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में हाईवे से किसानों को हटाने का फैसला किया है.
किसान आंदोलन के दौरान ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) के नाम पर गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुये उपद्रव के बाद अब इस आंदोलन के खिलाफ बयार बहने लगी है. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के नाम पर राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर पर अलवर जिले में शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पड़ाव डाले बैठे किसानों को वहां से हटाने के लिये दोनों राज्यों के बॉर्डर इलाके के 42 गांवों के लोगों की आज शाहजहांपुर में महापंचायत (Mahapanchayat) हुई. महापंचायत में रविवार को फिर से महापंचायत बुलाने और उसी दिन किसानों से हाईवे खाली कराने का निर्णय लिया गया है.
शाहजहांपुर के पास जयसिंहपुरा में आज हुई इस महापंचायत में राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर इलाके के 42 गांवों के ग्रामीण शामिल हुये. इस महापंचायत में किसान आंदोलनकारियों से हाईवे खाली करवाने पर फैसला लिया गया. महापंचायत में शामिल गांवों के सभी लोग हाईवे खाली करवाने पर सहमत हुये हैं. महापंचायत में इस बात पर चर्चा की गई कि हाईवे किस तरह से खाली कराया जाये. अब रविवार को फिर से महापंचायत बुलाई गई है. उसी दिन हाईवे भी खाली कराये जाने पर सहमति बनी है.
किसानों और ग्रामीणों में टकराव होने की आशंका
महापंचायत में शामिल गांवों के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस बारे में पहले हरियाणा और राजस्थान दोनों सरकारों से किसानों से हाईवे खाली करवाने की बात की जायेगी. अगर वो हाईवे खाली करवाते हैं तो ठीक है अन्यथा वे हाईवे को खाली करवायेंगे. महापंचायत के इस फैसले के बाद शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों और ग्रामीणों में टकराव होने की आशंका जताई जा रही है. किसान आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक वहां बड़ी संख्या में राजस्थान और हरियाणा के किसान जमा हैं. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के कार्यकर्ता भी वहां जमा है.
तिरंगे के अपमान के मसले पर ग्रामीण भारी गुस्से में दिखायी दिये
महापंचायत में तिरंगे के अपमान के मसले पर ग्रामीण भारी गुस्से में दिखायी दिये. महापंचायत में तिरंगे लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने वहां भारत माता की जय के नारे लगाये. ग्रामीणों का आरोप है कि शाहजहांपुर में हाईवे बंद होने से उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. ग्रामीणों ने एक कमेटी भी बनाई है. यह कमेटी रविवार से पहले हरियाणा और राजस्थान सरकार से भी बात कर हाईवे खुलवाने के लिए कहेगी. ग्रामीणों का आरोप है कि आंदोलन में राजस्थान और हरियाणा के किसान न के बराबर हैं और वहां अधिकतर बाहरी लोग जमा हैं. ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों के मकसद पर भी सवाल उठाया.