प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन के बाद कार्यकारिणी (Congress executive) की हुई पहली बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि केवल बयानों से काम नहीं चलेगा. पार्टी को मजबूत करने के लिये ग्राउंड जीरो पर काम करना पड़ेगा.
करीब आठ माह बाद गठित हुई प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी (Congress executive) की रविवार को पहली बैठक हुई. राजधानी जयपुर में आयोजित इस बैठक में पदाधिकारियों ने किसान आंदोलन (Kisan-andolan) और बिजली बिलों को लेकर कई सुझाव दिये. पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में हुई इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को भी आना था, लेकिन किन्हीं कारणों से वे इसमें शामिल नहीं हो पाये.
करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पदाधिकारियों को कई टास्क दिए. प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने पदाधिकारियों को सरकार की उपलब्धियों को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जनता तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि पदाधिकारी जिलों में जाकर संगठन को मजबूत करने का काम करें.
किसानों का साथ देने के लिये उनके साथ बैठें
बैठक में सचिन पायलट समर्थक विधायक एवं प्रदेश महासचिव वेद प्रकाश सोलंकी ने किसान आंदोलन के समर्थन में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को ग्राउंड जीरो पर जाकर धरने पर बैठने और किसानों का साथ देने का सुझाव दिया. सोलंकी ने कहा कि केवल बयानों और राजधानी से लेकर जिलों में प्रदर्शन करने की बजाय किसान आंदोलन स्थल पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को बैठना चाहिए. किसान अगर अपने साथ न बैठने दें तो कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को किसानों के आसपास ही धरने पर बैठकर उनका हौसला बढ़ाना चाहिए.
बिजली बिलों का मुद्दा उठा
विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रामलाल जाट ने बिजली के बिलों में जुड़कर आ रहे स्थाई शुल्क का मामला उठाते हुए कहा कि पहले दो माह का बिजली का बिल आता था. इसमें एक बार स्थाई शुल्क देना पड़ता था, लेकिन अब हर माह बिल आने के चलते दो हर माह स्थाई शुल्क देना पड़ रहा है. इससे किसानों, व्यापारियों और जनता में रोष है. इसे बंद किया जाना चाहिए. इस पर प्रदेश प्रभारी माकन ने इस मामले को मुख्यमंत्री के अवगत कराने का आश्वासन दिया. वहीं कई अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिए.