अवैध रूप से काटी जानी वाली कॉलोनियों के खिलाफ जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority) अब सख्त रुख अपनाने जा रहा है. भूमाफिया (Land mafia) अब अवैध कॉलोनी काटने से पहले जेडीए के मेगा प्लान के बारे में जान लें.
लगातार अवैध कॉलोनियों की शिकायतों से परेशान सरकार ने अब भूमाफियाओं पर पूरी तरह नकेल कसने का मन बना लिया है. राज्य सरकार के निर्देश पर अब जेडीए ने अवैध कॉलोनी काटने वाले माफियाओं की निजी खातेदारी की जमीन को ही सरकारी घोषित करने का प्लान तैयार किया है. यानी अब बिना जेडीए की अनुमति के निजी खातेदारी की जमीन पर कॉलोनी काटी तो कॉलोनी में तोड़फोड़ तो होगी ही इसके साथ ही निजी खातेदारी की जमीन को भी सरकार कब्जे में लेकर सरकारी घोषित कर देगी.
राजस्थान के नगरीय निकायों से लगातार यह शिकायतें मिलती हैं कि बिना सक्षम स्तर की अनुमति के और कृषि भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनियां काटी जाती हैं. इससे एक और जहां वहां भूखण्ड खरीदने वाले विकास का इंतजार करते रह जाते हैं वही बेतरतीब शहरीकरण कई बार कई बड़ी समस्यायें खड़ी कर देता है. इससे सरकार को राजस्व का चूना भी लगता है. इस तरह की लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद जयपुर जेडीए ने टिनेंसी एक्ट को काम लेकर भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने के प्लान पर काम शुरू किया है.
जेडीए का नया हथियार ‘टिनेंसी एक्ट’
जेडीए आयुक्त गौरव गोयल ने बताया कि अब भूमाफियाओं के खिलाफ टिनेंसी एक्ट का डंडा चलाया जायेगा. कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां विकसित करने पर टिनेंसी एक्ट प्रभावी हो जाता है. कृषि भूमि को गैर कृषि उपयोग में लिये जाने पर संबंधित जमीन मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. निजी खातेदारों के खिलाफ धारा-175 राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी. इसके तहत जमीन का मालिकाना हक यानि जमीन की खातेदारी सरकार के नाम करने की स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अमल में लाई जायेगी. राजस्व न्यायालय में जेडीए जमीन मालिक के खिलाफ मुकदमा लड़ेगा.
जेडीए नहीं करता है ऐसी कॉलोनियों का अनुमोदन
मास्टर प्लान के विपरीत विकसित कॉलोनियों का जेडीए द्वारा अनुमोदन नहीं किया जाता है. ऐसी गैर अनुमोदित आवासीय योजनाओं के आवंटन-पत्र मालिकाना हक/लोन आदि के लिए वैध नहीं होते हैं. लगातार बढ़ रहे ऐसे मामलों के बाद जेडीए टिनेंसी एक्ट का उपयोग कर ऐसी कॉलोनी काटने वाली सोसायिटियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के लिये जेडीए पंजीयक और सहकारिता विभाग को लगातार पत्र भेज रहा है.
ताकि घर का सपना देखने वालों के साथ ना हो ठगी
जेडीसी गौरव गोयल की मानें तो पहले केवल जेडीए एक्ट में कार्रवाई की जाती थी और निर्माण तोड़ दिया जाता था. लेकिन अब अगर फिर मौके पर कॉलोनी काटी जाती है तो ये प्रभावी कदम उठाये जायेंगे. गोयल ने बताया कि जेडीए ऐसी कॉलोनियों को ब्लैक लिस्टेट कर उनकी की सूची भी सार्वजनिक करने का काम करेगा ताकि घर का सपना देखने वाले लोगों के साथ ठगी की वारदात ना हो सके.