Pakistan PM Imran Khan Alleged India Backs ISIS : प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) ने फिर से पाकिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि भारत पाकिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए आतंकवादी इस्लामिक स्टेट (Islamic State) ) समूह का समर्थन कर रहा है.
प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) ने फिर से पाकिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि भारत पाकिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए आतंकवादी इस्लामिक स्टेट (Islamic State) ) समूह का समर्थन कर रहा है. डिजिटल मीडिया पब्लिशर्स और ब्रॉडकास्टर्स के एक समूह के साथ बातचीत में पकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएस के चरमपंथी समूह ने पिछले रविवार को बलूचिस्तान के माछ इलाके में शिया हजारा कोयला खनिकों की हत्या भारत के इशारे पर की थी.
ISIS ने 11 शिया मुसलमानों की हत्या की जिम्मेदारी ली
इन हत्याओं के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर इमरान खान ने कहा कि बलूचिस्तान में आतंकवादी संप्रदायवाद की उत्पत्ति 1980 के दशक के अफगान जिहाद में हुई थी. विदेशी शक्तियों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद इस क्षेत्र में बचे आतंकवादी समूह पकिस्तान को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने हालिया शिया समुदाय के हजारा लोगों को चुन चुनकर मारने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी घटनाओं से देश का बहुत नुकसान हो रहा है. बलूचिस्तान में हजारा लोगों पर हुए हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
इमरान खान का कहना था कि हमारी सुरक्षा एजेंसियों की राय है कि कि भारत आईएसआईएस का समर्थन कर रहा है और पाकिस्तान में अशांति फैलाना भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का घोषित उद्देश्य था. प्रधान मंत्री इमरान ने कहा कि उनकी सरकार को पिछले साल मार्च में एक खुफिया जानकारी दी गई थी कि भारत शिया और सुन्नियों की हत्याएं शुरू करके पाकिस्तान में संप्रदायवाद को बढ़ावा देना चाहता है. इमरान खान ने अपनी आईएसआई और विश्व-स्तरीय एजेंसियों की पीठ ठोकते हुए कहा कि भारत की यह चाल बहुत समय से चल रही थी और हमारी संस्थाओं ने इसे समय रहते ऐसे तत्वों को पहचान कर काम शुरू कर दिया था और व्यवस्था को संभाल किया था.
बलूचिस्तान में मारे गए कोयला खनिकों की हत्या के एक हफ्ते बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का यह बयान आया है. मृतकों के रिश्तेदारों और इलाके के निवासियों ने उसी दिन हत्याओं के खिलाफ विरोध शुरू किया था और प्रधानमंत्री के आने के आश्वासन तक उन्हें प्रतीकात्मक इशारे में दफनाने से इनकार कर दिया था. यह विरोध प्रदर्शन बाद में पेशावर, लाहौर और कराची सहित पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में फैल गया जहां प्रदर्शनकारियों ने कई महत्वपूर्ण सड़कों को अवरुद्ध कर यातायात को बाधित किया. लगभग एक सप्ताह तक चले इस गतिरोध के बाद प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच वार्ता सफल हुई, शनिवार कोप्रदर्शन को खत्म करने और मृतकों के दफन करने के लिए सहमति बन गई.