नीति आयोग के उपाध्यक्ष (NITI Aayog VC) डॉ. राजीव कुमार के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था (Economy) 10 प्रतिशत की दर से ग्रोथ करेगी. वहीं उन्होंने कहा कि अगले साल के आखिर तक देश की अर्थव्यवस्था प्री-कोविड (Pre-Covid) वाली स्थिति में पहुंच जाएगी.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष (NITI Aayog VC) डॉ. राजीव कुमार के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था (Economy) 10 प्रतिशत की दर से ग्रोथ करेगी. वहीं उन्होंने कहा कि अगले साल के आखिर तक देश की अर्थव्यवस्था प्री-कोविड (Pre-Covid) वाली स्थिति में पहुंच जाएगी. आपको बता दें साल 2020 पूरे विश्व के साथ भारत के लिए भी कई बड़ी परेशानियों को लेकर आया था. जिसमें सबसे बड़ी परेशानी थी कोरोना महामारी. जिसकी वजह से पूरे विश्व के साथ भारत में भी विकास की रफ्तार थम सी गई और अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी (GDP) शून्य से 24 प्रतिशत नीचे पहुंच गई. इन हालातों को देख कर उस समय कोई भी अर्थशास्त्री (economist) ये बताने को तैयार नहीं था कि देश की जीडीपी एक बार फिर कब तक बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगी.
लेकिन देश में अनलॉक (Unlock) और कोरोना की वृद्धि में गिरावट के साथ औद्योगिक गतिविधियां (Industrial activities) तेज होते ही अर्थशास्त्रियों (Economists) ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि इस वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही और अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. आइए जानते है आर्थशास्त्रियों के हिसाब से देश की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत हो सकती है.
2021 में ऐतिहासिक वृद्धि- इकोनॉमिक टाइम्स में छपे स्वामीनाथन एस अंकलेसरिया अय्यर के आर्टिकल में बताया गया है कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है. इस पीछे स्वामीनाथन ने कई तर्क दिए है. जिसमें उन्होंने कहा है कि बेशक लॉकडाउन के समय अप्रैल-जून में भारत की जीडीपी शून्य से 24 प्रतिशत नीचे चली गई. लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद इसमें जबरदस्त तेजी देखने को मिली. जो कि सरकार द्वारा नियमों में लाई गई ढ़िलाई की वजह से संभव हो सका. जैसे कि सरकार ने ब्याज पर ब्याज माफी, इनकम टैक्स रिटर्न भरने की समय सीमा बढ़ाई और इसके साथ ही ईपीएफओ से पीएफ अमांउट निकालने की सुविधा दी.
कोविड-19 के टीके ने बाजार में बढ़ाई उम्मीद- स्वामीनाथन के अनुसार भारत के साथ पूरी दुनिया में एक बार वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा. तो उसके बाद विश्व के साथ भारत में भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो जाएगी. जिसका सबसे बड़ा प्रमाण क्रूड ऑयल के बढ़ते हुए दाम है. वहीं उन्होंने कहा कि जीडीपी में जिन चीजों की सबसे ज्यादा मौजूदगी होती है उसमें से अभी पर्यटन, मनोरंजन, खान-पान और यात्रा जैसे सेक्टर में तेजी नहीं आई है. लेकिन वैक्सीनेशन के बाद इन सेक्टर में तेजी आ सकती है.
अर्थव्यवस्था में होगी 5% की दर से ग्रोथ- कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के हेड-इक्विटी हेमंत कानवाला ने मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में कहा कि, 2021 में आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने पर वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगभग 5 प्रतिशत कर दर से ग्रोथ की उम्मीद है. जिसमें भारत और चीन विकसित देशों की तुलना में तेजी से ग्रोथ करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सरकार को fiscal discipline को वापस लेना चाहिए. जिससे कोरोना महामारी की वजह से बाजार को मुश्किलों का सामना करने में सहूलियत मिलेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में निवेश को बढ़ावा देने वाली योजनाओं पर काम करना चाहिए.
आर्थिक गतिविधियां हुई तेज- अमर उजाला में छपे अश्विनी महाजन के आर्टिकल के अनुसार तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई है और मांग बढ़ने लगी है. जिससे कई अड़चनें भी दूर हो रही हैं. इसके लिए अश्विनी महाजन ने बताया कि उपभोक्ता मांग का एक संकेत यात्री वाहन की बिक्री है. नवंबर, 2019 की तुलना में नवंबर, 2020 में यात्री वाहनों में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा गई. नवंबर, 2019 की तुलना में नवंबर, 2020 में ऋण की मांग 5.5 प्रतिशत बढ़ी है. खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) पिछले चार महीनों से सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्रों, दोनों के लिए 50 से ऊपर है और अक्तूबर में पीएमआई 58.9 पर दर्ज किया गया था, जो 13 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि है. हालांकि नवंबर में यह घटकर 56.3 रह गया. पर यह निष्कर्ष तो निकाला ही जा सकता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग चार महीनों के गंभीर आर्थिक संकट के बाद फिर से चमक वापस आ रही है.