Public Provident Fund: अपने रुपयों को बैंक में डिपॉजिट करने से बेहतर है कि आप उन रुपयों को पीपीएफ (PPF) में निवेश करें. पीपीएफ में निवेश करना इन कारणों से बेहतर होता है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ (PPF) लंबे समय के लिए बेहतीरन निवेश का विकल्प है. PPF में अगर आप निवेश करते हैं तो आपका रुपये न केवल सुरक्षित है, बल्कि आप इससे टैक्स छूट का लाभ भी उठा सकते हैं. पीपीएफ में निवेशकों के लिए जोखिम ना के बराबर होता है. PPF के निवेश को सरकार का संरक्षण मिलता है इसलिए इसमें रिस्क बिल्कुल भी नहीं है.
जो लोग सेल्फ इम्प्लाइड होते हैं या जो लोग ईपीएफओ के दायरे में नहीं आते, उन कर्मचारियों के लिए पीपीएफ निवेश का सबसे अच्छा विकल्प है.
अपने रुपयों को बैंक में डिपॉजिट करने से बेहतर है कि आप उन रुपयों को पीपीएफ में निवेश करें. पीपीएफ में निवेश करना इन कारणों से बेहतर होता है-
इंटिरेस्ट रेट
पब्लिक प्रोविडेंट फंड की बात करें तो इसमें बेहतर इंटिरेस्ट रेट मिलते हैं. पीपीएफ में 7.1 प्रतिशत का इंटिरेस्ट रेट मिलता है जो देश का कोई भी कमर्शियल बैंक नहीं देता है. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 5 से 5.5 फीसदी का इटिरेस्ट रेट मिलता है. पीपीएफ के इंटिरेस्ट रेट की बराबरी छोटे बैंक कर पाते हैं. बैंक और पीपीएफ के रेट में फर्क ये होता है कि बैंक का इंटिरेस्ट रेट एक साल के हिसाब से मिलता है वहीं पीपीएफ में क्वार्टरली इंटिरेस्ट मिलता है.
दो तरह की टैक्स सुविधा
अगर टैक्स सुविधा की बात करें तो पीपीएफ से बेहतर कोई स्कीम नहीं है. पीपीएफ के माध्यम से आपको इंकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के अंतर्गत छूट मिलती है. इसके अलावा इंटिरेस्ट से कमाई गई आमदनी पर भी आपको छूट मिलती है. देश में निवेश के ऐसे बहुत कम प्लान हैं जिसमें रिटर्न पर टैक्स नहीं लगता है. पीपीएफ के अलावा यूनिट लिंक इंश्योरेंस प्लान एक है.
लॉन्ग टर्म कॉर्पस
पीपीएफ 15 साल की स्कीम है जिसके माध्यम से लॉन्ग टर्म कॉर्पस, यानी लंबे वक्त के लिए आपके पास जमा राशि या कोष मौजूद होगा जिसे आप इस्तेमाल कर सकते हैं. वैसे तो इस फंड से 5 साल बाद पैसे निकाले जा सकते हैं मगर पैसे निकालने पर कुछ रोक भी होती है. ऐसे में निवेशक लंबे समय तक पैसे बचा सकता है. अगर आप लंबे समय तक पैसे निवेश करने के लिए सोच रहे हैं तो बैंक डिपॉजिट या फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर है पीपीएफ.
छोटे अमाउंट निवेश करने की सुविधा
आप अपने पीपीएफ अकाउंट में कम से कम 500 रुपये तक एक साल में निवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी साल 500 रुपये निवेश करने से चूक गए तो आपका अकाउंट बंद हो सकता है. ऐसे में आपको अकाउंट फिर से शुरु करने के लिए निवेश का अमाउंट यानी 500 रुपये और 50 रुपये फीस को तौर पर देना पड़ता है जिससे खाता फिर से चालू हो सके. एक वित्तीय वर्ष में PPF अकाउंट में अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही निवेश किया जा सकता है. इसलिए पीपीएफ छोटे निवेशकों के लिए बेहतरीन विकल्प है.