कनाडा में भारतीय मूल के लोगों ने भारतीय किसानों के समर्थन और कृषि कानून के विरोध में दो कार रैलियां निकालने की योजना तैयार की है. ये दोनों रैली जो ब्रैम्पटन और सरे में आयोजित की जाएगी.
केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले एक हफ्ते से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों की मांग है कि सरकार बिना किसी शर्त के तीनों कृषि कानून के रद्द करे. हालांकि सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बातचीत में भी कोई ठोस नतीजे सामने नहीं आ सके हैं. हालात ये हैं कि अब किसान आंदोलन की आग सात समुंदर पार तक पहुंचने वाली है. दिल्ली के किसानों को अब कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय मूल के लोगों का भी समर्थन मिलने लगा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में भारतीय मूल के लोगों ने भारतीय किसानों के समर्थन और कृषि कानून के विरोध में दो कार रैलियां निकालने की योजना तैयार की है. ये दोनों रैली जो ब्रैम्पटन और सरे शहर में आयोजित की जाएगी. बता दें कि इन दोनों ही जगहों पर पंजाब में नागरिकों की तादाद काफी ज्यादा है. इसी तरह ऑस्ट्रेलियाई शहर मेलबर्न शहर में भी किसानों के समर्थन में एक कार्यक्रम की तैयार चल रही है. मेलबर्न में भी भारतीय काफी ज्यादा संख्या में है.
विदेश में भारतीय मूल के लोग अपना विरोध प्रदर्शन कर भारत की केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं. इन लोगों की मांग है कि सरकार कृषि कानून को जल्द से जल्द खत्म करे. बता दें कि कनाडा के सरे शहर में जिस कार रैली का आयोजन किया गया है उसे पंजाब किसान मोर्चा रैली नाम दिया गया है. ये रैली सरे शहर में घूमते हुए भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खत्म होगी.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट भी किसानों के समर्थन में उतरा
बता दें कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट अब किसान आंदोलन के समर्थन में आ गया है. ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के हेड कुलतरण सिंह अटवाल ने कहा कि अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई, तो 8 दिसंबर से उत्तरी भारत में अपनी तमाम कार ट्रकों को रोक देंगे. इसके बाद भी अगर सरकार नहीं मानी, तो देश व्यापी हड़ताल किया जाएगा. वहीं चंडीगढ़ में यूथ कांग्रेस और NSUI ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है.