सीबीआई (CBI) को रामपुर (Rampur) में आजम खान के परिवार को कई वक्फ संपत्तियां लीज पर देने के सबूत मिले हैं. कई वक्फ संपत्तियां एक रुपये सालाना की दर पर जौहर यूनिवर्सिटी को देने के सबूत मिले हैं.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और रामपुर (Rampur) से सांसद आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. एक तरफ सीतापुर जेल में बंद आजम खान अपने खिलाफ दर्जनों मुकदमों की जमानत लेने में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ वह सीबीआई (CBI) के रडार पर आ गए हैं. दरअसल, यूपी सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआई ने यूपी के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसी क्रम में माना जा रहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) भी सीबीआई के शिकंजे में आएगा.
सुन्नी बोर्ड पर आजम को फायदा पहुंचाने के मिले सबूत
शुरुआती जांच में सुन्नी वक्फ बोर्ड पर आजम खान को फ़ायदा पहुंचाने सबूत मिलने की बात पता चली है. पता चला है कि सीबीआई को रामपुर में आजम खान के परिवार को कई वक्फ संपत्तियां लीज पर देने के सबूत मिले हैं. कई वक्फ संपत्तियां एक रुपये सालाना की दर पर जौहर यूनिवर्सिटी को देने के सबूत मिले हैं.
बता दें पिछले दिनों वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की शिकायत के बाद सीबीआई ने शिया बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी की एंटी करप्शन ब्रांच ने यह कार्रवाई की है. मालूम हो कि प्रयागराज और कानपुर में वक्फ संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की गई थी. इसी में धोखाधड़ी और गड़बड़ी का आरोप लगा था.
वक्फ की संपत्ति बेचने को लेकर 8 अगस्त 2016 में प्रयागराज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके अलावा 27 मार्च 2017 को लखनऊ के हजरतगंज में कानपुर स्थित वक्फ की संपत्ति को ट्रांसफर करने पर मामला दर्ज किया गया था. केंद्रीय जांच एजेंसी ने लखनऊ और प्रयागराज में दर्ज मामलों को आधार बनाते हुए वसीम रिजवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. रिजवी पर आरोप है कि उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए वक्फ की संपत्तियों की खरीद-बिक्री में घोटाला किया है.
यूपी सरकार ने की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
लखनऊ में दर्ज हुए मामले में वक्फ बोर्ड के दो अन्य अफसरों समेत पांच को नामजद किया गया है. शिया वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में गड़बड़ी के दोनों मामले सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इन मामलों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्राथमिक जांच-पड़ताल के बाद अब इन दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज की है.
गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
लखनऊ स्थित सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई ने वसीम रिजवी समेत अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की है. वसीम रिजवी के अलावा इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी गुलाम सैयदन रिजवी, वक्फ इंस्पेक्टर वाकर रजा, नरेश कृष्ण सोमानी और विजय कृष्ण सोमानी को नामजद किया है.