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राजस्थान सरकार और संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के बीच हुआ बड़ा MoU

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सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की मौजदूगी में राजस्थान सरकार और संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के बीच गुरुवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. सीएम ने कहा कि हमारा प्रयास है कि सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में राजस्थान अव्वल रहे.

खाद्य सुरक्षा की योजनाओं (Food safety schemes) के बेहतर क्रियान्वयन सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की दक्षता तथा अनुभव के लिए राजस्थान सरकार और संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के बीच गुरुवार को एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. ‘सतत् विकास के लक्ष्य-द्वितीय’ को प्राप्त करने की दिशा में हुए इस एमओयू में खाद्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन और विश्व खाद्य कार्यक्रम के भारत में निदेशक बिशो पराजुली ने हस्ताक्षर किए.

सीएम अशोक गहलोत ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार खाद्य सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से बच्चों के पोषण की जिम्मेदारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभा रही है. सरकार काप्रयास है कि सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में राजस्थान अव्वल रहे. मुख्यमंत्री ने इस एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ करीब 50 साल से सफल भागीदारी रही है.

विकासशील देशों में कुपोषण दूर करने तथा दुनिया की बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में विश्व खाद्य कार्यक्रम की बड़ी भूमिका रही है. इस संगठन को ‘नोबल शांति’ जैसा प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलना इसकी महत्ता को दर्शाता है. उनकी तकनीकी विशेषज्ञता से प्रदेश में मिड-डे मील, आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सभी जरूरतमंद लोगों तक खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ प्रभावी तरीके से पहुंचाया जा सकेगा.

लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है राजस्थान
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान कुपोषण दूर कर सतत् विकास के लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमारी खाद्य सुरक्षा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की सराहना पूरे देश में होती है. कोरोना के इस संकट के समय ‘राजस्थान सतर्क है’ तथा ‘कोई भूखा न सोए’ हमारा मूल मंत्र रहा है. इसे साकार करते हुए राज्य सरकार ने व्यापक जनभागीदारी के साथ जरूरतमंद लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है. यूपीए सरकार के समय देश के हर परिवार की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘फूड सिक्योरिटी एक्ट‘ लाकर लोगों को खाद्य सुरक्षा का अधिकार दिया गया. राज्य सरकार जनजाति क्षेत्रों सहित अन्य पिछडे़ इलाकों में बच्चों के पोषण के लिए प्रभावी कदम उठा रही है.