देशभर में इस वर्ष की दिवाली को हिन्दुस्तानी दिवाली के रूप में मनाने के कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के आव्हान को देश के कोने-कोने में ले जाने के लिए कैट ने व्यापक स्तर पर लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. कैट के बैनर तले देश का व्यापारी वर्ग चीन को इस वर्ष के दिवाली फेस्टिवल सीजन पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का एक बड़ा झटका देने को पूरी तरह तैयार हैं. कैट के इस अभियान को देशभर के कारोबारियों का समर्थन मिल रहा है. जहां व्यापारियों ने चीनी सामान को नहीं बेचने का संकलप लिया है, तो वहीं दूसरी ओर देशभर में लोग चीनी सामान को खरीदने के मूड में बिलकुल भी तैयार नहीं दिख रहे हैं.
70 हज़ार करोड़ में से चीन की है 40 हज़ार करोड़ की हिस्सेदारी
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज यहां मीडियो को संबोधित करते हुए कहा कि जारी एक संयुक्त वक्तव्य में बताया की प्रति वर्ष भारत में दिवाली त्यौहार के सीजन पर लगभग 70 हजार करोड़ का व्यापार होता है. जिसमें सोना चांदी, ऑटोमोबाइल जैसे महंगे रिटेल व्यापार भी शामिल हैं. इस 70 हजार करोड़ के व्यापार में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का सामान बीते वर्षों में चीन से आयात होता आ रहा है.
लेकिन इस वर्ष जून में जिस तरह से चीन ने 20 भारतीय जवानों को निर्दयता के साथ मारा है उसको लेकर देश के सभी वर्गों में चीन को लेकर खासा गुस्सा और आक्रोश है. जिसके चलते लोग चीन का सामान न खरीदने का मन बनाये हुए बैठें हैं. देशभर में व्यापारी कैट के “भारतीय सामान-हमारा अभिमान” और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत” को जमीनी स्तर तक सफल बनाने में भारतीय सामानों को प्रमुखता से बेचे जाने के लिए स्टॉक का संग्रह कर रहे हैं.