केंद्र सरकार ने एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद (MSME Export Promotion Council) को लेकर चेतावनी जारी की है. केंद्र की ओर से कहा गया है कि एमएसएमई एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्योग मंत्रालय (Ministry of MSME) से संबंद्ध नहीं है. एमएसएमई मंत्रालय ने चेतावनी में कहा है कि लोग इस संगठन की अनाधिकृत और गलत गतिविधियों (Mischievous Activities) से सतर्क रहें. साथ ही साफ किया है कि यह संगठन खुद को मंत्रालय का हिस्सा बताकर लोगों को झांसे में ले रहा है. दरअसल, इस संगठन ने निदेशक पद के लिए नियुक्ति पत्र से जुड़े कुछ मैसेज जारी किए हैं.
केंद्र सरकार ने एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद (MSME Export Promotion Council) को लेकर चेतावनी जारी की है. केंद्र की ओर से कहा गया है कि एमएसएमई एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्योग मंत्रालय (Ministry of MSME) से संबंद्ध नहीं है. एमएसएमई मंत्रालय ने चेतावनी में कहा है कि लोग इस संगठन की अनाधिकृत और गलत गतिविधियों (Mischievous Activities) से सतर्क रहें. साथ ही साफ किया है कि यह संगठन खुद को मंत्रालय का हिस्सा बताकर लोगों को झांसे में ले रहा है. दरअसल, इस संगठन ने निदेशक पद के लिए नियुक्ति पत्र से जुड़े कुछ मैसेज जारी किए हैं.
एमएसएमई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने अपनी वेबसाइट पर साफ तौर पर लिखा है कि यह एक प्राइवेट कंपनी है. इसका भारत सरकार के किसी भी विभाग से कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के साथ ही गांव में उद्योगों को बढ़ावा देने में जुट गई है. इसके लिए ग्रामोद्योग विकास योजना (GVY) के तहत एमएसएमई मंत्रलय की ओर से गांवों में अगरबत्ती निर्माण, मधुमक्खी पालन और मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए नई योजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत ग्रामीणों को उद्योग लगाने के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी. सरकार तीनों क्षेत्रों में एक से दो साल बाद क्लस्टर वेस्ड प्रोडक्शन शुरू करने की योजना बना रही है.