रक्षा मामलों के जानकार विशेषज्ञों का कहना है कि चुंबी वैलीमें बने एक चौराहे के चलते चीन इस तरह की कोशिशें करता रहता है.
सिक्किम की चुंबी वैली में तैनात भारतीय सेना जवानों को हर दम अलर्ट रहना होता है. उन्हेंम सिर्फ वर्दीधारी चीनी सैनिकों पर ही नहीं, भेष बदलकर भारतीय सीमा में घुसने वाले चीनी जासूसों पर भी निगाह रखनी होती है. यह जासूस कभी चरवाहे के भेष में तो कभी व्यानपारी बनकर चुंबी वैली में दाखिल होने की कोशिश करते हैं. लेकिन हरदम चौंकन्ने भारतीय सेना के चौकस जवान और आर्मी इंटेलीजेंस विंग के जांबाज उनकी कोशिशों को नाकाम करते रहते हैं.
रक्षा मामलों के जानकार विशेषज्ञों का कहना है कि चुंबी वैली में बने एक चौराहे के चलते चीन इस तरह की कोशिशें करता रहता है.
दो पास और महत्वीपूर्ण चौराहा ललचाता है चीनी सेना को
1977-78 के दौरान सिक्किम की चुंबी वैली में तैनात रहे ब्रिगेडियर रैंक के एक रिटायर्ड अधिकारी बताते हैं, “चुंबी वैली सामरिक महत्व से खासी महत्वपूर्ण है. सबसे खास है यहां का चौराहा. इस चौराहे की सडक चीन, भारत, भूटान और तिब्बत की ओर जाती हैं. इतना ही नहीं चीन और भारत की ओर खुलने वाले दो पास भी यहीं पर हैं. इसी लिए दिन हो या रात हर वक्त आंखें खुली रखनी होती हैं. अगर आप गश्त के दौरान जरा सा भी चूके तो दुश्मन किसी न किसी भेष में आपके क्षेत्र में घुस आता है. वैसे कई बार चीनी सैनिक और उनकी इंटेलिजेंस के लोग यहां से खदेड़े जाते हैं. कभी चरवाह बनकर आ जाते हैं तो कभी किसी और भेष में. ऐसे में हमारी निगाह सिर्फ वर्दी वाले चीनी सैनिकों पर ही नहीं रहती हैं”.
इसलिए हिमाकत करता है चीन
ब्रिगेडियर रैंक के यह रिटायर्ड अधिकारी बताते हैं, “चीन हमारी सीमा में घुसने का साहस इसलिए भी कर पाता है, क्योंकि बहुत बड़े क्षेत्र में चीन के साथ लगी सीमा पर कहीं भी किसी तरह की कोई बाड़ नहीं है. दो देश को सीमा में बांटने वाला कोई निशान तक नहीं है. इसलिए जब-तब चीन सीमा का उल्लघंन करता रहता है. और इसी की आड़ में अपनी इंटेलीजेंस के लोगों की घुसपैठ कराने की नाकाम कोशिश करता है. असल में चीन का मकसद हर हाल में सिक्किम के चुंबी वैली और नाथूला पास सहित कई क्षेत्रों पर कब्जा जमाने का है, जिसमें वो कामयाब नहीं हो पाता है. लेकिन हमारे सैनिक जिस रणनीति के तहत सीमा पर तैनात हैं उसका अंदाजा चीन कभी नहीं लगा सकता है”.