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ताइवान ने दी चीन को धमकी- हद में रहें, नहीं तो नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें

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Taiwan on China fighter jet: उपराष्ट्रपति लाइ चिंग टे ने चीनसे साफ़ कहा है कि वो लाइन क्रॉस न करे. ऐसी कोई भी गलती न करें. ताइवान शांति चाहता है लेकिन हम अपने लोगों को बचाएंगे.

ताइपे. ताइवान के उपराष्ट्रपति लाइ चिंग टेने चीनको खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि वे हद पार करने की गलती न करें. ताइवान ने स्पष्ट कहा है कि चीनी फाइटर प्लेन लगातर सीमा का उल्लंघन कर रहे हैं और अगर ये जारी रहा तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं. बता दें कि चीनी लड़ाकू विमान कम से कम तीन बार ताइवान की सीमा में घुस चुके हैं.

ताइवान के उपराष्ट्रपति लाइ चिंग टे ने ट्वीट किया- चीन ने आज फिर ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में अपने फाइटर जेट उड़ाए. वो लाइन क्रॉस न करे. ऐसी कोई भी गलती न करें. ताइवान शांति चाहता है लेकिन हम अपने लोगों को बचाएंगे. ताइवान ने कहा है कि बुधवार और बृहस्पतिवार को दो बार चीन के विमान उसके हवाई क्षेत्र में घुसे हैं. ताइवान ने इसे उकसाने वाली हरकत और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिये गंभीर खतरा करार दिया है.

Don’t cross the line. China again flew fighter jets into Taiwan’s Air Defense Identification Zone today. Make no mistake, Taiwan wants peace but we will defend our people.— 賴清德Lai Ching-te (@ChingteLai) September 10, 2020

चीन को देंगे माकूल जवाब
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बिना विस्तृत जानकारी दिये कहा कि देश की सेना चीन के सैन्य विमानों की हरकतों से पूरी तरह वाकिफ है और ‘माकूल जवाब ‘ देने के लिये तैयार है. चीन दो करोड़ 30 लाख की आबादी वाले ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और लगातार सैन्याभ्यास और हवाई गश्ती के साथ सैन्य शक्ति के दम पर इसे अपने क्षेत्र में मिलाने की बात कह चुका है. ताइवान ने कहा कि चीन की इन हरकतों से पूरे क्षेत्र को खतरा है। उसने विश्व समुदाय से इसका जवाब देने का अनुरोध किया है.

एक महीने पहले भी चीन के फाइटर जेट्स ने ताइवान की खाड़ी में इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस किया था. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीनी सेना के लड़ाकू विमानों को ट्रैक करने की बात कही थी. इन विमानों को खदेड़ने का दावा किया था. ताइवान ने चीन के एयरफोर्स की इस हरकत पर आपत्ति जताई थी. अमेरिका ने बीते हफ्ते अपना गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर ताइवान की खाड़ी में तैनात किया था. खास बात यह है कि अमेरिका ने पहले इसका ऐलान नहीं किया था. लेकिन, दो हफ्तों में अमेरिका ने दूसरी बार किसी डेस्ट्रॉयर को साउथ चाइना सी में भेजा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के इस कदम से साफ हो जाता है कि वो ताइवान की हर मुमकिन मदद करने के लिए तैयार है. अमेरिकी एनएसए ने पिछले हफ्ते साफ कर दिया था कि अगर ताइवान पर कोई हमला होता है तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा.

ताइवान को अपना हिस्सा बताता है चीन
गौरतलब है कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान को हमला करने की धमकी देती रही है. चीन के विरोध के कारण ही ताइवान वर्ल्ड हेल्थ असेंबली का हिस्सा नहीं बन पाया था. चीन की शर्त थी कि असेंबली में जाने के लिए ताइवान को वन चाइना पॉलिसी को मानना होगा, लेकिन ताइवान ने शर्त ठुकरा दी थी. ताइवान में जबसे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में आई है तबसे चीन के साथ संबंध ज्यादा खराब हुए हैं.