एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद ने इंग्लैंड दौरे का आखिरी मैच खेलने से मना कर दिया था. बाद में कोच और कप्तान ने उनसे इस बारे में बात की
कोरोना के बाद इंग्लैंड का दौरा करने वाली पाकिस्तानी टीम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा और आखिरी टी20 मैच नहीं खेलना चाहते थे, मगर कोच मिस्बाह उल हक और कप्तान बाबर आजमके दबाव के चलते उन्हें मैदान पर उतरना पड़ा. एक रिपोर्ट के मुताबिक सरफराज ने मैनचेस्टर में खेले गए आखिरी टी20 मैच में खेलने से मना कर दिया था. वो सिर्फ मुख्य कोच मिस्बाह उल हक, बल्लेबाजी कोच युनूस खान और कप्तान बाबर आजम के बात करने पर ही माने थे.
टूट गया था सब्र का बांध
उनके मैदान पर उतरने से इनकार करने के पीछे बड़ी वजह बताई जा रही है. दरअसल सरफराज पूरे दौरे पर ही बेंच पर बैठे रहे थे और इसी वजह से जब मैनेजमेंट में आखिरी मैच में उन्हें मैदान पर उतारने का फैसला लिया तो उनका सब्र का बांध टूट गया था.
हालांकि सोमवार को लाहौर में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिस्बाह ने कहा था कि सरफराज ने खेलने से मना नहीं किया था, सिर्फ उन्होंने अपना रिजर्वेशन व्यक्त किया था. उन्होंने कहा कि अगर वे भी उस स्थान पर होते तो ऐसा ही करते. उन्होंने कहा कि किसी भी खिलाड़ी को चिंता हो सकती है, जब उसे दौरे का आखिरी मैच दिया जाए और सरफराज ने भी ऐसा ही किया
वह दबाव में थे कि यदि चीजें उनके अनुसार नहीं होती है तो वह मुश्किल में आ सकते हैं. पाकिस्तान के लिए इंग्लैंड दौरा कुछ खास नहीं रहा. पहले टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद टीम ने टी20 सीरीज भी गंवा दी थी. हालांकि पाकिस्तान ने टी20 सीरीज में संघर्ष किया था और बड़ा स्कोर किया, मगर उनके गेंदबाज इंग्लिश बल्लेबाजों को रोक नहीं पाए.