सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि यह कोई छोटा-मोटा केस नहीं है और न ही सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी है. ऐसे में हम जमानत को मंजूरी नहीं दे सकते. हम याचिका खारिज करते हैं.’
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 1984 के सिख विरोधी दंगों (1984 anti-Sikh riots case) के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) की उस याचिका को शुक्रवार खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था. प्रधान न्यायधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, माफ कीजिए, हम इच्छुक नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि यह कोई छोटा-मोटा केस नहीं है और न ही सज्जन कुमार को अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी है. ऐसे में हम जमानत को मंजूरी नहीं दे सकते. हम याचिका खारिज करते हैं.’
सज्जन कुमार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने दलील दी कि कुमार को स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए क्योंकि वह 20 महीनों से जेल में हैं और उनका वजन करीब 16 किलो कम हो गया है. उन्हें पहले से हुए कई रोगों का भी इलाज कराने की जरूरत है. कुछ दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फूलका ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कुमार को जिस उपचार की जरूरत है, वह अस्पताल में उन्हें दिया जा रहा है.
The Court, while refusing to grant the bail, notes that the medical report of Sajjan Kumar states that his hospitalisation is not needed at this time, and therefore he should not remain in hospital. https://t.co/FVzLCNsfVP— ANI (@ANI) September 4, 2020
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 17 दिसंबर 2018 को मामले में उन्हें और अन्य को दोषी ठहराया गया जिसके बाद से कुमार आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. उच्च न्यायालय ने एक-दो नवंबर 1984 को दक्षिणपश्चिम दिल्ली में पालम कालोनी के राज नगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारा जलाने के मामले में निचली अदालत द्वारा 2013 में कुमार को बरी किए जाने के फैसले को पलट दिया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किये जाने के बाद दंगे भड़क गए थे.