संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) ने शुक्रवार को कहा कि सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने के सतत विकास लक्ष्य (SDG) को हासिल करने के लिए भारत एक बड़ा कारोबारी केंद्र बन सकता है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को बढ़ाने के फैसले से वह और अधिक संख्या में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा. गुतारेस ने कहा कि सभी देशों की तरह भारत भी एक निर्णायक मोड़ पर है और कई देश उल्लेखनीय चुनौतियों के बावजूद स्वच्छ ऊर्जा तकनीक और एक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य को अपना रहे हैं. गुतारेस ने ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी)’ द्वारा आयोजित 19वें दरबारी सेठ स्मृति व्याख्यान को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारत ‘सतत विकास लक्ष्य-7’ को हासिल करने के लिए बड़ा केंद्र बन सकता है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यक्रम के दौरान अध्यक्षीय भाषण दिया. एसडीजी-7 सभी के लिए सस्ती, भरोसेमंद, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करता है. गुतारेस ने कहा, ‘भारत के नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के फायदे स्पष्ट हैं. ये कम लागत वाले और उतार-चढ़ाव भरे जिंस बाजारों से सुरक्षित हैं और साथ ही जीवाश्म ईंधन ऊर्जा संयंत्रों के मुकाबले तीन गुना अधिक रोजगार देते हैं.’ उन्होंने ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ के रूप में अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस को आगे बढ़ाने के भारत के निर्णय की तारीफ की. उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित इस स्मृति व्याख्यान में कहा, ‘मैं एक वैश्विक सोलर बैंक के लिए भारत की योजनाओं की सराहना करता हूं, जो आने वाले दशक में सौर परियोजनाओं में 1,000 अरब अमरेकी डालर का निवेश जुटाएगी.’
‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ का मंत्र देते हुए सौर ऊर्जा आपूर्ति को देशों के बीच जोड़ने का आह्वान किया था. इस कार्यक्रम के तहत भारत ने स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति के लिए देशों के बीच आपस में जुड़े हुए एक बिजली पारेषण ग्रिड की परिकल्पना की है.