केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी द्वारा करवाए गए सामान्य पात्रता परीक्षा के स्कोर का यूज़ कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दरअसल, इससे रिक्रूटिंग एजेंसी को सहायता मिलेगी जिससे उनका समय और पैसा बचेगा. साथ ही यह युवाओं के लिए भी कॉस्ट-इफेक्टिव होगा.
कई राज्यों ने इस व्यवस्था को अपनाने की बात कही
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘इस टेस्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बुधवार को हरी झंडी दिखा चुकी है. राज्यों की तरफ से सीईटी स्कोर का इस्तेमाल करने के लिए एक एमओयू भी किया जा सकता है. इसके लिए केंद्रीय कार्मिक विभाग (डीओपीटी) और मैं खुद कई राज्यों के साथ संपर्क में हूं. अधिकतर मुख्यमंत्री इस व्यवस्था को अपनाने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा, सीईटी स्कोर सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और बाद में निजी क्षेत्र के साथ भी शेयर किया जा सकता है.
Common Eligibility Test by #NationalRecruitmentAgency can be shared with recruiting agencies in State & UT Govts, PSUs & also Pvt Sector. This would save cost and time spent on recruitment, also convenient & cost-effective for young job aspirants. A win-win arrangement for both. pic.twitter.com/8Us7RBG4iA
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) August 22, 2020
12 भाषाओं में होगी परीक्षा
लोगों की चिंताओं का समाधान करते हुए उन्होंने आगे कहा कि आरक्षित वर्गों को नियम के अनुसार आयुसीमा इत्यादि में छूट दी जाएगी. उन्होंने कहा कि यह टेस्ट सिर्फ इंग्लिश या हिंदी में नहीं लिया जाएगा बल्कि 12 भाषाओं में लिया जाएगा. बाद में संविधान में शामिल सभी भाषाओं को शामिल किया जाएगा. पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बिना उनके क्रान्तिकारी फैसले के यह सब संभव नहीं हो पाता. यह फैसला युवाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.