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अपनी डाइन में इन पांच फूड्स को करें शामिल, तनाव और चिंता से रहेंगे मुक्त

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आज की बिजी और तनाव भरी लाइफस्टाइल (Lifestyle) ने लोगों को कई तरह की मानसिक (Mental Illness) और शारीरिक बीमारियों से घेर रखा है. वहीं कोरोना महामारी (Corona epidemic) के कारण लोग घरों में बेरोजगार बैठ हैं. काम नहीं होने से परेशान हैं. लॉकडाउन (Lockdown) में लोग स्ट्रेस, एंग्जाइटी (Anxiety), डिप्रेशन (Depression), पर्सनालिटी, डिसऑर्डर जैसी समस्याओं का शिकार हो चुके हैं. इन मानसिक बीमारियों से लोगों के हेल्थ में काफी असर पड़ रहा है. ज्यादा समय तक ऐसी समस्या होने से आदमी को कई तरह की बीमारी का शिकार होना पड़ सकता है. एंग्जायटी जैसी समस्या से उबरने के लिए ट्रीटमेंट और थेरेपी (Treatment and therapy) के अलावा डाइट भी काफी अहम भूमिका निभाती है.

मेडिकल न्यूज टुडे की खबर के अनुसार साल 2019 में साइकोसोमैटिक मेडिसिन मैग्जीन में एक लेख प्रकाशित हुआ था. इसमें बताया गया था कि हेल्दी डाइट (Healthy diet) को अपनाने से एंग्जाएटी / चिंता डिसऑर्डर की समस्या से मुक्ति मिल सकती है. इसके लिए आपको कुछ फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करना होगा. आज हम ऐसे ही फूडस के बारे में आपको बता रहे हैं, जिनको खाने से चिंता और अवसाद की समस्या से बचा जा सकता है.

एंग्जाएटी कम करने में मदद करने वाले फूड

1. फैटी फिश

सैल्मन (salmon) मछली फैटी मानी जाती है. इसके अलावा भी मैकेरल (mackerel), सार्डिन (sardines), ट्राउट और हेरिंग (trout and herring) मछलियों से हमें ओमेगा -3 (omega-3) मिलता है. ओमेगा -3 एक फैटी एसिड है जो हमारे शरीर को फुर्तीला बनाने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखता है.

2. हल्दी
औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी का प्रयोग भारतीय और दक्षिण-पूर्व एशियाई डिशेज बनाने में होता है. हल्दी के एक्टिव इंग्रेडिएंट को करक्यूमिन (curcumin) कहा जाता है. करक्यूमिन, सूजन (inflammation) और ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) को कम करके एंग्जाएटी को कम करने में हल्दी मदद कर सकती है. साल 2015 में हुई एक स्टडी में पता चला था कि हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन मोटे लोगों में एंग्जाएटी को कम कर सकता है.

3. दही
दही में स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया, लैक्टोबैसिलस और बिफीडोबैक्टीरिया होते हैं. इस बात के कई सबूत मिले हैं कि बैक्टीरिया और किण्वित उत्पादों का मस्तिष्क स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. शोध के मुताबिक दही और अन्य डेयरी उत्पाद शरीर में एंटी इंफ्लामेट्री इफेक्ट पैदा कर सकते हैं. कई रिसर्च में पता चला है कि ये चिंता, तनाव और अवसाद के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हो सकते हैं.

4. ग्रीन टी
ग्रीन टी में थीनिन नामक एक एमिनो एसिड पाया जाता है, जो मस्तिष्क विकारों पर काबू करता है. थीनिन के एंटी-एंग्जाएटी और शांत इफेक्ट हैं जो सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं. साल 2017 के एक रिव्यू के अनुसार 200 मिलीग्राम थीनिन ने ह्यूमन ट्रायल में डिप्रेशन को कम कर आदमी को शांत कराया था. आप ग्रीन टी को दिनभर की डाइट में शामिल कर सकते हैं. इसलिए दिन में 2-3 कप ग्रीन टी का सेवन करने से एंग्जाएटी को कम किया जा सकता है.

5. अंडा
अंडे की जर्दी विटामिन डी और प्रोटीन का काफी अच्छा सोर्स है. इसमें काफी मात्रा में जरूरी अमीनो एसिड भी होते हैं जो कई तरह से शरीर के विकास के लिए जरूरी होते हैं. अंडे में ट्रिप्टोफैन पाया जाता है, जो एक अमीनो एसिड है. यह सेरोटोनिन बनाने में मदद करता है. सेरोटोनिन एक रासायनिक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड, नींद, मेमोरी और व्यवहार को रेग्यूलेट करता है. सेरोटोनिन ब्रेन फंक्शन में सुधार करता है और एंग्जाएटी को भी कम करता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. tarunpath.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)