प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए कई बड़ी घोषणा की हैं. 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है. इस प्लेटफॉर्म में Faceless Assessment, Faceless Appeal और Taxpayers Charter जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं. लेकिन इसी के साथ ही सोशल मीडिया पर Taxpayers Charter को लेकर एक झूठ भी वायरल हो रहा है. एक दस्तावेज को सोशल मीडिया पर नए #TaxPayersCharter of India’ के रूप में साझा किया जा रहा है. लेकिन वो दस्तावेज दूसरे देश का चार्टर है न की भारत के चार्टर का.
Claim: A document is being shared on Social Media as the new #TaxPayersCharter of India#PIBFactCheck: The claim is #Fake.The document is the Taxpayers’ charter of a foreign country and not of #India. pic.twitter.com/kbxPTpVnze— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 13, 2020
इस नए सिस्टम से ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए जुगाड़ और सिफारिश खत्म होगी. सिस्टम फेसलेस होने के कारण आयकर विभाग का प्रभाव जमाने का चक्कर भी खत्म हो जाएगा.
जानिए टैक्सपेयर्स चार्टर क्या है?
अगर आसान भाषा में समझें तो ये चार्टर एक तरह की लिस्ट होगी, जिसमें टैक्सपेयर्स के अधिकार और कर्तव्य के अलावा टैक्स अधिकारियों के लिए भी कुछ निर्देश होंगे. इसके जरिए करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच विश्वास बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. इस चार्टर में टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करने और इनकम टैक्स अफसरों की जवाबदेही तय करने की व्यवस्था होगी.
इस समय दुनिया के सिर्फ तीन देशों- अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में ही यह लागू है. इन देशों में लागू टैक्सपेयर्स चार्टर की कुछ बातें कॉमन हैं. उदाहरण के लिए जब तक यह साबित न हो जाए कि करदाता ने टैक्स चोरी या गड़बड़ी की है, तब तक उसे ईमानदार करदाता मानना होगा. इसका मतलब ये है कि बेवजह नोटिस भेजकर दबाव नहीं डाला जाएगा.