रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आत्मनिर्भर भारत की राह अपनाने को लेकर रविवार को बड़ी घोषणा की है. उन्होंने ऐलान किया कि अब रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 रक्षा उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और इन्हें स्वदेशी स्तर पर बनाया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच स्तंभों- अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रणाली, जनसांख्यिकी और मांग के आधार पर आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है. साथ ही इसके लिए विशेष आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की है.
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘उस आह्वान से संकेत लेते हुए रक्षा मंत्रालय ने 101 वस्तुओं की सूची तैयार की है, जिनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है.’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘यह निर्णय भारतीय रक्षा उद्योग को अपने स्वयं के डिजाइन और विकास क्षमताओं का उपयोग करके या सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन की गई तकनीकों को अपनाकर नकारात्मक सूची में वस्तुओं के निर्माण का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा.’
Taking cue from that evocation, the Ministry of Defence has prepared a list of 101 items for which there would be an embargo on the import beyond the timeline indicated against them. This is a big step towards self-reliance in defence. #AtmanirbharBharat— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
राजनाथ सिंह ने कहा कि 101 उत्पादों की सूची को सभी हितधारकों से, जिनमें सशस्त्र बल, सार्वजनिक व निजी इंडस्ट्री हैं, कई स्तर की वार्ता और विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है. ऐसा भविष्य में गोला बारूद और रक्षा उत्पादों के निर्माण की भारतीय इंडस्ट्री की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया है.
Almost 260 schemes of such items were contracted by the Tri-Services at an approximate cost of Rs 3.5 lakh crore between April 2015 and August 2020. It is estimated that contracts worth almost Rs 4 lakh crore will be placed upon the domestic industry within the next 6 to 7 years.— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर ऐसी सेवाओं की लगभग 260 योजनाओं को तीनों सेनाओं द्वारा अनुबंधित किया गया था. अब ऐसा अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल में घरेलू उद्योगों को 4 लाख करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा. रक्षा मंत्री के अनुसार अगले 6 से 7 साल में इनमें से लगभग 1,30,000 करोड़ रुपये के उत्पाद सेना और वायुसेना के लिए अनुमानित हैं, जबकि नौसेना की ओर से लगभग 1,40,000 करोड़ रुपये उत्पादों का अनुमान जताया गया है.
The list also includes, wheeled Armoured Fighting Vehicles (AFVs) with indicative import embargo date of December 2021, of which the Army is expected to contract almost 200 at an approximate cost of over Rs 5,000 crore. #AtmanirbharBharat— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि 101 रक्षा उत्पादों की सूची में बख्तरबंद लड़ाकू वाहन भी शामिल हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि 101 रक्षा उत्पादों की सूची में उच्च प्रौद्योगिकी वाले हथियार जैसे असॉल्ट राइफलें, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट, LCH, रडार और कई अन्य चीजें शामिल हैं