इलेक्ट्रॉनिक सामानों में इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे जरूरी पार्ट सेमीकंडक्टर (Semiconductors) को लेकर आत्मनिर्भर बनने के लिए भारत ने कमर कस ली है. CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जापानी कंपनियों के सहयोग से देश में ही बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) की तैयारी शुरू हो चुकी है. अगले हफ्ते इससे संबंधित मंत्रालयों की DPIIT ने बुलाई है. इस हाई लेवल मीटिंग में (High Level Meeting) में मेक इन इंडिया (Make in India) के तहत निवेश के लिए स्पेशल इनसेंटिव स्कीम (Special Incentive Scheme) से लेकर Regulatory अड़चनों को दूर करने पर चर्चा होगी. आपको बता दें कि मौजूदा समय में भारत 99 फीसदी सेमीकंडक्टर्स विदेशों से इंपोर्ट करता है. खासकर चीन और ताइवान से इन्हें मंगाया जाता है.
Semiconductors की Manufacturing में आत्मनिर्भर बनेगा भारत- Make In India के तहत Fabrication unit लगाने के तैयारियां शुरू हो गई है. भारत सेमीकंडक्टर्स के इंपोर्ट पर सालाना 1000-1200 करोड़ डॉलर (75-90 हजार करोड़ रुपये खर्च करता है.
अब क्या होगा- DPIIT ने Regulatory Review के लिए अगले हफ्ते High Level Meeting बुलाई है. इस बैठक में भारत में आकर सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को टैक्स छूट, जमीन और आसान शर्तों पर लोन मुहैया कराने को लेकर चर्चा होगी.
इसके अलावा दुनिया की बड़ी सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को भी आकर्षित करने की कोशिश होगी. जापान और कुछ अमेरिकी कंपनियों को निवेश को लेकर दिलचस्पी दिखाई है. पहले चरण में Capital Goods के लिए Microchip बनाने पर Focus होगा