संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2019 का फाइनल रिज़ल्ट जारी हो चुका है. कामयाब हुए उम्मीदवारों की फेहरिस्त में एक बड़ी लिस्ट अल्पसंख्यक (Minority) उम्मीदवारों की भी है. 45 मुस्लिम (Muslim) युवाओं ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास की है. क्रिश्चियन और जैन धर्म के युवाओं ने भी यूपीएससी एग्ज़ाम में कामयाबी की इबारत लिखी है.
खास बात यह है कि सरकार भी अल्पसंख्यक वर्ग के ऐसे युवाओं को यूपीएससी की तैयारी के लिए मदद देती है. प्री एग्ज़ाम पास करने के बाद मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी के लिए एक लाख रुपये देती है. इतना ही नहीं स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन, एसएससी (SSC) और दूसरी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय (Minority ministry) आर्थिक मदद देता है.
किस परीक्षा में कितने उम्मीदवारों को कितनी मिलती है मदद
यूपीएससी में एक लाख रुपये.
सीट-मुस्लिम 219, ईसाई 36, सिक्ख 24, बौद्ध 10, जैन 9 और पारसी 2.
स्टेट पीएससी (राजपात्रित) 50 हज़ार रुपये.
सीट-मुस्लिम 1460, ईसाई 240, सिक्ख 160, बौद्ध 66, जैन 60 और पारसी 12.
एसएससी 25 हज़ार रुपये.
सीट-मुस्लिम 1460, ईसाई 240, सिक्ख 160, बौद्ध 66, जैन 60 और पारसी 12.
स्टेट पीएससी (अराजपात्रित) 25 हज़ार रुपये.
सीट-मुस्लिम 584, ईसाई 97, सिक्ख 64, बौद्ध 26, जैन 25 और पारसी 4.
नोट- सभी परीक्षाओं को मिलाकर कुल 5100 उम्मीदवारों को परीक्षाओं की तैयारी के लिए मंत्रालय आर्थिक मदद करता है.
मंत्रालय की इस योजना से जुड़ीं कुछ और खास बातें
यूपीएससी की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग का लाभ उठाने के दो मौके दिए जाएंगे.
दूसरी किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग का लाभ एक बार ही मिलेगा.
इस योजना में एक शर्त यह है कि छात्र को कोचिंग की सभी कक्षाएं अटैंड करना अनिवार्य है.
कोई छात्र बिना किसी कारण 15 दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहता है या बीच में कोचिंग छोड़कर चला जाता है, तो ऐसी स्थिति में उस पर किया गया पूरा खर्च उससे वसूल किया जाएगा.
इस योजना में कोचिंग की कुल सीटों की 30 फीसदी सीट छात्राओं के लिए आरक्षित रखी जाएंगी.
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए आवासीय कोचिंग का लाभ एक बार ही लिया जा सकता है. यदि छात्र दूसरे साल फिर तैयारी करना चाहता है तो उसे कोचिंग की सेवाओं की 50 फीसदी फीस चुकानी होगी. साथ ही शपथ-पत्र देना होगा कि उसने पहले कभी इस योजना का लाभ नहीं लिया है.