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RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू, इन मुद्दों पर होगी चर्चा, आपकी EMI को लेकर आएगा बड़ा फैसला

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee- MPC) की बैठक आज 4 अगस्त से शुरू हो गई है. इस बैठक में नीतिगत दरों पर निर्णय किया जाएगा. MPC की इस बैठक में कोरोना वायरस (Corona virus) से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) को रिवाइव करने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता वाली MPC की बैठक में लिए गए निर्णयों का ऐलान 6 अगस्त किया जाएगा, जिसका सबको को इंतजार है.

उद्योग मंडल कॉरपोरेट लोन रिस्ट्रक्चरिंग (Corporate loan restructuring) की मांग कर रहे हैं. हालांकि, इस बैठक में ब्याज दरों (Interest rate) में कटौती की संभावना को लेकर विशेषज्ञों एकमत नहीं है. उनका मानना है कि कोविड-19 (Covid-19) की वजह से उत्पन्न आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए मौजूदा परिस्थितियों में कॉरपोरेट लोन रिस्ट्रक्चरिंग ज्यादा आवश्यक है.

खुदरा महंगाई दर ने बढ़ाई चुनौती
लॉकडाउन के कारण मांग में कमी के बावजूद मांस, मछली, खाद्यान्न और दालों की कीमतों में भारी उछाल आया. इसके कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (Retail inflation) जून में 6.09 प्रतिशत पर पहुंच गई. इसके कारण RBI पर महंगाई दर को काबू में रखने का अतिरिक्त दबाव है. RBI को केंद्र सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति दर 0.4 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है. रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति निर्धारित करते समय मुख्य रूप से CPI पर गौर करता है. फिक्की (FICCI) के विशेषज्ञों का कहना है कि खुदरा महंगाई दर बढ़ने के कारण RBI के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) पर फोकस करना सबसे बड़ी चुनौती होगी.

कई बैंकों ने पहले ही घटा दी हैं ब्याज दरें
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की शोध रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया कि फरवरी के बाद से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है. बैंकों ने भी नए कर्ज पर 0.72 प्रतिशत तक ब्याज को सस्ता किया है. कुछ बड़े बैंकों ने तो 0.85 प्रतिशत तक का लाभ ग्राहकों को दिया है. हालांकि, कुछ बैंकों समेत विशेषज्ञों के एक धड़े का मानना है कि RBI इस बार भी ब्याज दरों में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है.