नई दिल्ली. चीन (China) के नजदीक साउथ चाइना सी (South China Sea) में युद्धाभ्यास खत्म करने के बाद अमेरिकी नेवी के सातवें बेड़े में शामिल एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज (SUS aircraft carrier USS Nimitz) अब अंडमान निकोबार द्वीपसमूह (Andaman and Nicobar Islands) के पास पहुंच गया है. बता दें कि चीन के साथ लद्दाख में चल रहे विवाद के बाद से भारतीय नौसेना ने यहां दो दिन पहले से ही युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. अभी तक इस बात की खबर नहीं है कि अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज के साथ भी भारतीय नौसेना युद्धाभ्यास करेगी या नहीं. बता दें कि चीन और अमेरिका में जिस तरह से तनाव चल रहा है उसके बाद से अमेरिका ने साउथ चाइना सी से लेकर हिंद महासागर तक अपनी गश्त बढ़ा दी है.
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से भारतीय नौसेना चीन पर नजर रखे हुए हैं. समुद्र के रास्ते होने वाली किसी भी हरकत पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना ने दो दिन पहले अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में युद्धाभ्यास किया था. पूर्वी बेड़े के प्रमुख रियर एडमिरल संजय वात्स्यायन के नेतृत्व में यह ड्रिल अंडमान-निकोबार कमांड (एएनसी) और पूर्वी नौसेना कमान के युद्धपोतों और विमानों के साथ की जा रही है. बता दें कि भारत की ओर से कई युद्धपोतों को मलक्का स्ट्रेक के पास तैनात कर दिया गया है क्योंकि चीन के व्यापारिक जहाज वहां से गुजरते हैं.
अमेरिका के सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर एसएस निमित्ज और रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में पहले ही युद्धाभ्यास कर चीन को हिंद महासागर में घेरने का संदेश दे चुके हैं. बता दें कि यूएसएस रोनाल्ड रीगन तो वापस लौट गया है लेकिन अमेरिकी नेवी के सातवें बेड़े में शामिल एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज रविवार की शाम को अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचा है. निमित्ज अब अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के पास ही हिंद महासागर में गश्त लगाएगा.
क्यों खास है अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज
अमेरिका की नौसेना एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज की खास बात ये है कि यह परमाणु ऊर्जा से संचालित होता है. इस जहाज का नाम द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिकी प्रशांत बेड़े के कमांडर फ्लीट एडमिरल चेस्टर डब्ल्यू. निमित्ज के नाम पर रखा गया है. इस अमेरिकी एयरक्राफ्ट की लंबाई 1,092 फीट (333 मीटर) है और एक लाख टन तक भार उठा सकता है. इस एयरक्राफ्ट में इस समय 90 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर्स के अलावा 3000 के आसपास अमेरिकी नौसैनिक तैनात हैं.