कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadav) ममाले में पाकिस्तान (Pakistan) को भारत की मांग के आगे झुकना पड़ा है. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को कूलभूषण जाधव को दूसरा काउंसुलर एक्सेस दिया गया था, उसमें समीक्षा याचिका दायर (Review Petition) करने के लिए समझौता हुआ है. कूलभूषण जाधव की काउंसुलर एक्सेस लगभग 3 घंटे चली. इस मुलाकात का एक मकसद जाधव को सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर दस्तखत करवाना था.
इससे पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण ने सजा की समीक्षा याचिका दायर करने से इनकार कर दिया था. भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को स्वांग करार दिया था.
बिना किसी रोक-टोक के मुलाकात
भारतीय अधिकारियों को जाधव से सिर्फ अंग्रेजी में बात करने के लिए कहा गया था. पाकिस्तान का कहना है कि उसने भारतीय अधिकारियों-जाधव के बीच बातचीत में टोकाटाकी नहीं की. पाकिस्तान की ओर से बयान जारी कर यह भी कहा गया है कि इससे पहले 2019 में भारत को पहली राजनायिक पहुंच दी गई थी और 2017 में जाधव की मां और पत्नी को उनसे मिलने दिया गया था.
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के अतिरिक्त महान्यायवादी अहमद इरफान ने कहा था कि 17 जून 2020 को जाधव को अपनी सजा एवं दोषसिद्धि के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक अपील दायर करने की पेशकश की गई थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने 20 मई को एक अध्यादेश जारी किया , ताकि भारत सरकार, जाधव या उनके कानूनी प्रतिनिधि 60 दिनों के अंदर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर सकें.
2017 में सुनाई गई थी मौत की सजा
जाधव (50) भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. इसके कुछ ही हफ्तों बाद, भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया नहीं किए जाने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिये हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि एवं सजा की प्रभावी समीक्षा करनी होगी और पुनर्विचार करना होगा, साथ ही बगैर किसी देर के भारत को राजनयिक स्तर पर उनसे संपर्क करने की भी इजाजत दी जाए.
2017 में दी थी पत्नी और मां को मिलने की इजाजत
पाकिस्तान की ओर से जारी किए गए बयान में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जाधव की मां और पत्नी को 25 दिसंबर 2017 में उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी. बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान आईसीजे के 17 जुलाई 2019 के फैसले का पूरी तरह से क्रियान्वयन करने के लिए प्रतिबद्ध है. उसे उम्मीद है कि भारत इस फैसले को पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने में पाकिस्तानी अदालत का सहयोग करेगा. ’’
जाधव की गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तान ने किया ये दावा
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा कर्मियों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था. उन्होंने वहां कथित तौर पर ईरान से लगी सीमा से प्रवेश किया था. हालांकि, भारत यह कहता आ रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे.