नई दिल्ली. केंद्रीय रक्षा मंत्री कार्यालय (Office of the Raksha Mantri) ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि सरकार ने सशस्त्र बलों (Armed Forces) के कर्मचारियों के लिए अशक्त पेंशन (Invalid Pension) की योग्यता के लिए 10 साल या उससे ज्यादा की नौकरी (Qualifying Service) की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. अब यह अशक्त पेंशन सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को भी मिल सकेगी, जिन्होंने 10 साल से कम सेना को अपनी सेवाएं दीं.
बता दें कि अशक्त पेंशन (Invalid Pension) सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को दी जाती है, जो सेना को अपनी सेवाएं देने के दौरान किसी दुर्घटना में घायल होकर विकलांग (Disable) हो जाते हैं. अब तक यह पेंशन सिर्फ उन कर्मियों (Personnel) को देने का प्रावधान था, जिन्होंने 10 साल या उससे अधिक सशस्त्र बलों को अपनी सेवाएं दी हों. लेकिन अब सरकार ने इससे जुड़े नियम (Rules) को बदल दिया है. रक्षा विभाग कार्यालय ने इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया साइट ट्विटर (Twitter) पर दी.
10 साल से कम की सेवा देकर विकलांग हुए कर्मियों को भी मिलेगी पेंशन
सरकार ने सशस्त्र बल के कर्मचारियों को 10 वर्ष से कम की नौकरी के साथ अशक्त पेंशन की अनुमति देने का निर्णय लिया है. सशस्त्र सेना के उन कर्मियों को अशक्त पेंशन दी जाती है, जिन्हें विकलांगता के चलते सेवा से बाहर किया जाता है.
The Government has taken a decision to allow Invalid Pension to Armed Forces Personnel with less than 10 years of qualifying service. Invalid pension is granted to the Armed Forces Personnel who is invalided out of service on account of disability.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) July 15, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुमोदित किया था इसका प्रस्ताव
पेंशन के इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुमोदित किया. इस निर्णय का लाभ उन सशस्त्र सेना कर्मियों को मिलेगा जो 04 जनवरी 2019 को या उसके बाद सेवा में थे.
इससे पहले, अशक्त पेंशन के लिए कम से कम नौकरी की न्यूनतम अवधि 10 साल या उससे ज्यादा होना आवश्यक थी. वास्तव में प्रदान की गई थी. 10 साल से कम योग्यता वाली सेवा के लिए, अशक्त ग्रेच्युटी दी जाती थी.