Home देश रिलायंस जियो के बाद रिटेल में निवेश की इच्‍छा जता रहे हैं...

रिलायंस जियो के बाद रिटेल में निवेश की इच्‍छा जता रहे हैं दुनिया के बड़े निवेशक, जल्द हो सकती है डील

38
0

नई दिल्‍ली. रिलायंस इंडस्ट्री की 43वीं एजीएम (RIL 43rd AGM 2020) में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Reliance Industry Chairman Mukesh Ambani) ने बताया कि रिलायंस जियो के बाद अब बड़े निवेशक कंपनी के रिटेल सेगमेंट में निवेश की इच्‍छा जता रहे हैं. उन्‍होंने जियो मार्ट (Jio Mart) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कई वैश्विक रणनीतिक व वित्‍तीय निवेशकों ने रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) में निवेश में जबरदस्‍त रुचि दिखाई है.

वैश्विक साझेदारों और निवेशकों के साथ जल्‍द की जाएगी डील
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि अगली कुछ तिमाहियों के भीतर वैश्विक साझेदारों और निवेशकों के साथ रिलायंस रिटेल के लिए डील की जाएगी. उन्‍होंने कहा कि कंपनी पहले ही अपने पायलट ई-कॉमर्स वेंचर (E-Commerce Venture) को शुरू कर चुका है. उन्‍होंने बताया कि कंपनी स्‍थानीय दुकानदारों के साथ मिलकर जियोमार्ट ग्रॉसरी मॉडल को सफलतापूर्वक चला रही है. इस समय देश के 200 से ज्‍यादा शहरों में जियोमार्ट ग्रॉसरी प्‍लेटफॉर्म के जरिये उपभोक्‍ताओं को घर बैठे रोजमर्रा के जरूरत की चीजें पहुंचाई जा रही हैं.


किसानों की आय और उत्‍पादकता बढ़ाने में की जा रही मदद

मुकेश अंबानी ने कहा कि जियोमार्ट एक दिन में 2.5 लाख ऑर्डर की संख्‍या को पार कर चुका है. उपभोक्‍ताओं (Consumers) की ओर से ग्रॉसरी आर्डर्स की संख्‍या हर दिन बढ़ रही है. उन्‍होंने कहा कि जियोमार्ट सीधे किसानों (Farmers) से उनके उत्‍पाद खरीदकर स्‍थानीय दुकानदारों के जरिये उपभोक्‍ताओं तक पहुंचा रहा है. इससे किसानों को अपने उत्‍पाद की अच्‍छी कीमत मिल रही है और उनकी आमदनी (Income of Farmers) में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही उनकी आमदनी बढ़ने से उनकी उत्‍पादकता (Productivity) को बढ़ाने में भी मदद मिल रही है.

रिलायंस रिटेल के दो-तिहाई स्‍टोर्स टियर-1, 2, 3 शहरों में हैं
रिलायंस के चेयरमैन ने बताया कि रिलायंस रिटेल के करीब 12,000 स्‍टोर्स टियर-2, 3 और टियर-4 शहरों में मौजूद हैं. ये संख्‍या रिलायंस रिटेल के कुल स्‍टोर्स की दो-तिहाई है. उन्‍होंने बताया कि रिलायंस रिटेल के स्‍टोर्स में उपलब्‍ध फलों और सब्जियों (Fruits and Vegetables) में 80 फीसदी से ज्‍यादा सीधे किसानों से खरीदी जाती हैं. इससे उपभोक्‍ताओं को अच्‍छी गुणवत्‍ता वाले फार्म प्रोडक्‍ट्स (Quality Farm Products) उपलब्‍ध कराने में मदद मिल रही है