नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से चल रहे सीमा विवाद (India-China Border Dispute) को भले ही हल कर लिए जाने की बात कही जा रही हो लेकिन भारत (India) अभी भी चीन (China) की हर हरकत पर नजर बनाए हुए है. इसी बीच खबर आई है कि भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करनेवाले अर्धसैनिक बल आईटीबीपी को बहुत जल्द आल वेदर कंट्रोल बार्डर आउटपोस्ट (All Weather Control Border Outpost) मिलेगा. इस आउटपोस्ट से सेना चीन की सभी संदिग्ध हरकतों पर नजर रख सकेगी. लद्दाख रीजन में आईआईटी की मदद से बन रहा पहला आधुनिक आउटपोस्ट बनकर तैयार हो चुका है, जिसकी समीक्षा करने के बाद इसी की तर्ज पर यहां दो दर्जन से ज्यादा और पोस्ट बनाई जाएंगी.
लद्दाख जैसे दुर्गम इलाकों में बनाए जा रहे ऐसे आधुनिक इंटीग्रेटड चेक पोस्ट का मकसद है जब बाहर शून्य से 40 डिग्री तक कम तापमान तो आउटपोस्ट यानि जवानों के तैनाती की जगह का तापमान 20 से 22 डिग्री तक रहे. इससे फोर्स से अपनी ड्यूटी करने में भी आसानी होगी और सीमा पार की गतिविधियों पर वह अपनी पैनी नजर रख सकेगी. खास बात ये है कि चीन सीमा के पास बन रहा ये आधुनिक इंटीग्रेटेड बार्डर आउटपोस्ट पेट्रोल या डीजल के बजाय सोलर एनर्जी और थोड़ी ही मात्रा में केरोसीन से संचालित हो रहा है. गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने कुछ महीनों पहले इस योजना को मंजूरी दी थी लेकिन भारत-चीन विवाद के बाद इस योजनाओं को जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
गृह मंत्रालय की ओर से योजना को दी गई मंजूरी
>> एक इंटीग्रेटेड बार्डर आउटपोस्ट की लागत करीब 18 करोड़ रुपए अनुमानित है.
>> इसे आईआईटी जैसी बड़ी संस्था की मदद से तैयार किया जा रहा है और इसमें एक ही वक्त पर कई काम किए जा सकते हैं.
>> टेंपरेचर कंट्रोल के अलावा यहां पर जवानों के ठहरने का भी बेहतरीन इंतजाम है.
>> पहले चरण में लद्दाख रीजन में दो दर्जन से ज्यादा बीओपी बनाए जाएंगे, जिसके बाद सिक्किम और अरुणांचल प्रदेश के इलाकों में ये काम किया जाएगा.
>> इसके अलावा एक बार्डर आउटपोस्ट से दूसरे आउटपोस्ट के बीच फासले को कम करने के लिए उनके बीच छोटी आधुनिक चौकियों को भी बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है.