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RBI गवर्नर ने कहा- कोरोना 100 साल का सबसे बड़ा संकट, लेकिन अब दिखने लगे आर्थिक सुधार के संकेत

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नई दिल्ली. आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India Governor) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शनिवार को 7th SBI Banking and Economic Conclave में कहा कि कोविड-19 (COVID-19) पिछले 100 साल का सबसे बड़ा स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट है. उन्होंने कहा, अच्छी बात ये है कि इकोनॉमी में सुधार (Indian Economy) के संकेत दिख रहे हैं. देश में आर्थिक लेनदेन सामान्य स्थिति में पहुंच गया है. लेकिन इस समय बैंकों को अपने रिस्क  मैनेजमेंट पर फोकस करना होगा. आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार (SBI Chairman Rajnish Kumar) ने शुक्रवार को कहा था कि लोन चुकाने के लिए मोराटोरियम पर एक्रॉस द बोर्ड विस्तार की जरूरत नहीं होगी. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कुछ सेक्टर्स को अभी भी सहायता की जरूरत है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस संबंध में उचित कदम उठायेगी.

आर्थिक ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे- RBI गवर्नर आगे कहते हैं कि कोरोना से निपटने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं. कठिन समय में इकोनॉमी को रफ्तार देने की कोशिश लगातार जारी है. सिस्टम में Surplus Liquidity बनाए रखने पर खासा जोर है. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट से पहले ही आरबीआई ने कई कदम उठाए. ब्याज दरों में बड़ी कटौती की. आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने के लिए और कदम उठाने की तैयारी है.

#BreakingNews | RBI GOVERNOR SAYS

– इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं
– देश में आर्थिक लेनदेन सामान्य स्थिति में

– बैंकों को रिस्क मैनेजमेंट पर फोकस करना होगा

— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) July 11, 2020


आरबीआई गवरर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से उत्पादन, नौकरियों एवं स्वास्थ्य पर निगेटिव असर देखने को मिला है. इस संकट ने पहले से मौजूद वैश्विक व्यवस्था, ग्लोबल वैल्यू चेन और दुनियाभर में लेबर एंड कैपिटल मुवमेंट को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, कोविड-19 महामारी हमारी आर्थिक एवं वित्तीय व्यवस्था की मजबूती एवं लचीलता को परखने के लिहाज से अबतक का सबसे बड़ा टेस्ट है.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बेहतर करने पर हमारा जोर है. संकट में भारतीय कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही है. हमें प्रोडक्टिविटी बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए. मांग, सप्लाई कब तक सामान्य होगी अभी कहना मुश्किल है. RBI मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए हुए है.

बैंक अपनी बैलेंस शीट का Covid stress test करें- उन्होंने कहा कि देश के हर बैंक को कहा गया है कि वह अपनी बैलेंस शीट का Covid Stress Test करें. आसान शब्दों में कहें तो बैंकों को कहा गया है कि वह अपनी बैलेंस शीट चेक करें और यह बताएं कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से उनके कितने एसेट्स डूबने वाले हैं.

बैंकों को यह भी कहा गया है कि वह फंड जुटाने की कोशिश करें. फाइनेंशियल सेक्टर पर Covid-19 के संकट से निपटने की योजना पर मीडिया को संबोधित करते हुए RBI गवर्नर ने ये बातें कहीं. दास ने कहा कि अब कैपिटल बफर बनाना सबसे ज्यादा जरूरी है.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को कहा गया है कि वह फिस्कल ईयर 2021 और फिस्कल ईयर 2022 के लिए स्ट्रेस टेस्टिंग के जरिए Covid-19 के असर का आकलन करें.

उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों और फाइनेंशियल संस्थानों के लिए यह जरूरी है कि वह आने वाली चुनौतियों को लेकर खास सजग रहें. दास ने कहा कि सरकारी बैंकों में रीकैपिटलाइजेशन (पूंजी मुहैया कराना) बेहद जरूरी है. मीडियम टर्म आउटलुक मेंटेन रखने के लिए ऐसा करना होगा