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अमरनाथ यात्रा: रोज 500 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की इजाजत नहीं, केवल बालटाल के रास्ते यात्रा

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अधिकारियों (Officers) ने बुधवार को बताया कि हिमालय (Himalaya) में होने वाली सालाना अमरनाथ यात्रा (Yearly Amarnath Yatra) को इस बार सीमित ढंग से कराया जायेगा. और कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते प्रतिदिन 500 से ज्यादा श्रद्धालुओं को ‘भगवान शिव की पवित्र गुफा’ (sacred cave shrine of Lord Shiva) के दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी.

अमरनाथ (Amarnath) और वैष्णो देवी तीर्थों (Vaishnodevi shrines), जो दोनों ही जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में मौजूद हैं, उन्हें लेकर एक हाई-लेवल मीटिंग का आयोजन किया गया. इस मीटिंग में केंद्रीय मंत्रियों जी किशन रेड्डी और जितेंद्र सिंह के साथ गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर प्रशासन (Jammu-Kashmir Administration) के कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे. इस साल अमरनाथ यात्रा के 21 जुलाई से शुरू होने की संभावना है.

जम्मू-कश्मीर में 9 हजार संक्रमित, 145 लोगों की मौत
इन सारी चर्चाओं के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, इस साल तीर्थयात्रा को सीमित ढंग से आयोजित किया जायेगा और कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए रोज 500 से ज्यादा श्रद्धालुओं को तीर्थ में जाने की अनुमति नहीं होगी.

जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में करीब 9 हजार लोग कोविड-19 पॉजिटिव पाये गये, जिनमें से 145 लोगों की अब तक वायरस के संक्रमण से मौत हो चुकी है.

पहलगाम का रास्ता बंद, सिर्फ बालटाल से यात्रा
पहलगाम के जरिए रास्ता अब भी साफ होना बाकी है क्योंकि यह बर्फ से भरा हुआ है और यात्री इस साल यात्रियों को सिर्फ बालटाल से यात्रा की अनुमति दी जा सकती है.

अधिकारी ने बताया, हालांकि हिमालय में स्थित इस तीर्थस्थल के बारे में अंतिम निर्णय अगले हफ्ते ही लिया जायेगा. अधिकारी प्रमुख रूप से इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अधिक ऊंचाई पर जाने से होने वाली कमजोरी और कोविड-19 महामारी के लक्षण एक से ही होते हैं.

मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के विकास कार्यों का भी किया गया रिव्यू
केंद्रशासित प्रदेश के डॉक्टर और सैन्य बल पहले से ही चिंतित हैं और ऐसे में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को अमरनाथ यात्रा के लिए जाने की अनुमति देना, स्वास्थ्यकर्मियों, मूलभूत ढांचे और अन्य अधिकारियों पर अधिक दबाव डालने वाला होगा.

अधिकारियों ने बताया, वैसे वैष्णो देवी तीर्थस्थल की यात्रा को 31 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है और अधिकारी इसे पहले स्थानीय लोगों के लिए खोलने पर विचार कर रहे हैं. बाद में, कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए, राज्य के बाहर के लोगों को अनुमति दी जायेगी. मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में चल रहे विकास कार्यों का भी रिव्यू किया गया.