भारतीय और चीनी सेनाओं ने दो महीने से अधिक लंबे सीमा गतिरोध के बाद लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तीन तनातनी के बिंदुओं (Friction Points) पर अपने सैनिकों के बीच कुछ दूरी बनाने की प्रक्रिया शुरू की है. भारतीय सेना के सूत्रों ने News18 को बताया कि पीएलए (PLA) को 15 जून की झड़प की जगह गलवान घाटी (Galwan Valley) में पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 में बनाए गए टेंट और अन्य अस्थायी संरचनाओं को हटाते हुए देखा गया है. भारतीय सैनिकों ने दो अन्य बिंदुओं- हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में भी “पीएलए के वाहनों को पीछे की ओर गति” करते भी देखा है.
हालांकि, अधिकारियों को घटनाक्रम के बारे में पता है लेकिन एक सैन्य अधिकारी (Army Officer) कहते हैं, “अभी तक जश्न मनाने का कोई कारण नहीं है. एक अधिकारी ने कहा, “ये बेबी स्टेप (Baby Steps) हैं. चीन 1.5 किमी पीछे गया है और भारतीय सैनिक (Indian troops) भी थोड़ा पीछे हट गए हैं. लेकिन यह गतिविधियां उल्टी हो सकती हैं. वे वापस आ सकते हैं. हम चीजों को बहुत करीब से देख रहे हैं.”
सेना ने कहा- जब तक सत्यापन नहीं हो जाता, नहीं छोड़ेंगे जगह
गलवान में खूनी संघर्ष के बाद जमीन पर दोनों सेनाओं के बीच विश्वास का स्तर कमजोर है. इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों और कई चीनी सैनिकों की जान गई थी. 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू की मौत के बाद झड़प शुरू हो गई थी. जो यह जांचने के लिए गये थे कि चीन ने पैट्रोलिंग पॉइंट 14 से टेंट हटाने के 5 जून के अपने वादे को निभाया है या नहीं.
सेना को स्पष्ट है कि यह उस विशेष दूरी को तब तक नहीं छोड़ेगी, जब तक कि पूरी तरह से पीएलए के गलवान या कहीं और हटने की बात का सत्यापन नहीं हो जाता है.