अहमदाबाद में एक दिल दहला देने वाला विमान हादसा हुआ. इस हादसे में 241 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. एक तरफ हर कोई दूर से धुआं, चीखें, और जले हुए मलबे का ढेर वाले मंजर देख रहा था. दूसरी ओर इसी तबाही के बीच एक इंसान ऐसा भी था जिसने सिर्फ देखना नहीं चुना, बल्कि दौड़कर जिंदगी बचाने का फैसला किया. उनका नाम है भवानी सिंह.
भवानी उसी इलाके में रहते हैं और हादसे की खबर मिलते ही घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े. वहां पहुंचते ही उन्होंने देखा कि एक महिला घायल अवस्था में मदद के लिए पुकार रही थी. उनके साथ मौजूद कुछ साथियों के साथ भवानी ने अपनी जान की परवाह किए बिना हॉस्टल के भीतर प्रवेश किया जहां एयर इंडिया के विमान का टेल फंसा हुआ था और हर तरफ आग और धुआं फैला था.
फायर बिग्रेड को अकेले दिखाया रास्ता
इस भयंकर स्थिति में भवानी ने अकेले दम पर फायर ब्रिगेड को रास्ता दिखाया और राहत कार्य में हाथ बंटाया. इस दौरान वह खुद भी घायल हो गए. उनका शरीर धुएं से भर गया और उन्हें दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा.
इकलौता बचे रमेश से पहले भवानी ने बात की
भवानी न सिर्फ मदद करने वाले पहले शख्सों में से एक थे, बल्कि वो पहले इंसान भी बने जिन्होंने हादसे में जिंदा बचे इकलौते यात्री रमेश से बात की. अस्पताल में रमेश को भवानी के बगल वाले बेड पर रखा गया था. रमेश ने कहा, “मुझे खुद नहीं पता मैं कैसे बच गया.” बाद में डॉक्टरों ने रमेश को दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया.
इस वीरता और इंसानियत की कहानी से देशभर में भवानी की चर्चा हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं अस्पताल पहुंचे और भवानी सिंह से मुलाकात की. शाह ने उनका हालचाल जाना और उनके साहस को सलाम किया.