अहमदाबाद में एयर इंडिया के प्लेन हादसे ने देशभर को झकझोर कर रखा दिया है. इस हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई. हालांकि हादसे के बाद एकमात्र बचे यात्री विश्वासकुमार रमेश की कहानी ने यात्रियों के बीच हलचल मचा दी है. यूके के नागरिक विश्वास उस समय सीट 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एक्जिट के पास थी. इसके बाद से देशभर में विमान की इमरजेंसी एक्जिट सीटों की मांग और पूछताछ में तेजी आई है. इन सीटों में एक्सट्रा लेगरूम होता है और महंगी होती हैं.
कोलकाता के कई ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि अब यात्रियों की प्राथमिकता बदल गई है. पहले लोग इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठना नहीं चाहते थे क्योंकि सीटें ठीक से रीक्लाइन नहीं होतीं और इन्हें खोलने के निर्देश भी मिलते हैं. लेकिन अब लोग कहते हैं कि उन्हें 11A सीट ही चाहिए, चाहे वो इमरजेंसी डोर के पास न भी हो.
11A सीट के लिए लोग एक्सट्रा पैसा देने को तैयार
पार्क स्ट्रीट निवासी जितेंद्र सिंह बग्गा ने अपने ट्रैवल एजेंट से कहा कि वह 17 जून को ब्रिटिश एयरवेज से अमेरिका की यात्रा के लिए केवल इमरजेंसी एग्जिट के पास वाली सीट बुक करें. डिस्ट्रीब्यूशन और लॉजिस्टिक्स बिजनेस चलाने वाले बग्गा ने कहा, “मुझे इमरजेंसी एक्जिट के पास वाली सीट चाहिए, चाहे इसके लिए कितना भी एक्सट्रा खर्च करना पड़े. अगर सीट 11A इमरजेंसी एक्जिट के पास है, तो मुझे वही चाहिए.”
ज्यादा सुरक्षा की गारंटी नहीं: एविएशन एक्सपर्ट्स
हालांकि एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन सीटों से ज्यादा सुरक्षा नहीं मिलती, बस पैर फैलाने की जगह ज्यादा होती है. फिर भी यात्रियों को मानसिक शांति मिलती है और यही उनके लिए सबसे बड़ी वजह बन गई है.
कभी नहीं रही यात्रियों की ऐसी दिलचस्पी
ट्रैवल एजेंसियों का कहना है कि 11A सीट को लेकर ऐसी दिलचस्पी पहले कभी नहीं देखी गई. अब यह न सिर्फ ‘सुरक्षा’, बल्कि ‘शुभ संकेत’ बन गई है.