सूरजपुर जिले में बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण की गई है। इस पहल के तहत अब जिले की लगभग सभी शालाएं शिक्षक युक्त हो चुकी हैं, जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक और सकारात्मक सुधार देखने को मिल रहा है।
पूर्व में जिले की 18 प्राथमिक शालाएं पूरी तरह से शिक्षकविहीन थीं, लेकिन अब ये सभी शालाएं शिक्षकयुक्त हो गई हैं। इसी तरह, पहले 281 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षक प्रणाली पर आधारित थीं, जिनकी संख्या अब घटकर केवल 47 रह गई है। इसके अतिरिक्त, दो हाई स्कूल भी शिक्षकविहीन थे, जिन्हें अब योग्य शिक्षकों से सुसज्जित कर दिया गया है। जिले के सभी पूर्व माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भी शिक्षकों की पूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है।
शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, 1 से 3 जून 2025 तक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विश्रामपुर में ओपन काउंसलिंग का आयोजन किया गया। इस प्रक्रिया में वरीयता क्रम के आधार पर सैकड़ों अतिशेष शिक्षकों की नवीन पदस्थापना की गई। इससे न केवल शिक्षकविहीन शालाओं की समस्या का समाधान हुआ, बल्कि दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों की शालाओं में भी शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
शिक्षकों के इस युक्तियुक्तकरण से जिले में शिक्षा के परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है। शासन और जिला प्रशासन की यह पहल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध हो रही है।