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जंगल में लगी आग वन विभाग कार्यालय से लगभग 100 -200  मीटर दुरी तक आ गयी

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रामानुजगंज (मेरुवाणी) ! वनों की सुरक्षा के लिए वन विभाग बनाया गया था जिसके लिए सरकार ने लाखो करोड़ो रूपये का खर्च प्रतिवर्ष करती है मगर वन विभाग के कुछ कर्मचारी अधिकारियो की लापरवाही या अनदेखी के कारण वन असुरक्षित हो जा रहे है| कई जगह अवैध लकड़ी काटकर तस्करी करने के मामले प्रकाश में आये है तो कई जगह जंगलो में आग लगने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही है | इसके वावजूद भी वन विभाग के रेंजर अपनी जिम्मेदारियों से भागते नजर आ रहे है | किसी भी घटना के लिए इनके मोबाइल पर सम्पर्क किया जाता है तो फोन नहीं उठाते है जिसके कारण इनका पक्ष नहीं लिया जा पाता है | बलरामपुर जिले के अंतर्गत वनपरिक्षेत्र वाड्रफनगर के जंगलों में आयें दिन किसी न किसी जंगलों मे आग लग रही है। लाखों हरे भरे नन्हे पौधे जलकर राख बन जा रहा है वनविभाग के अधिकारी कर्मचारियों को भनक तक नही लग पा रही है और हजारों मीटर जंगल जलकर खाक हो रहा है। जबकि केंद्र सरकार करोड़ों अरबों रुपये जंगल लगाने पौधरोपण पर सालाना खर्च करती है। विदीत हो कि वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र अंतर्गत बिटक्षेत्रो में कमोवेश सभी जंगलों में कहीं न कहीं आग लगने से जंगल में हरे भरे नन्हे पौधे जलकर राख बन जा रहे है | ऐसा मालूम पड़ता है कि वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र के अधिकारी कर्मचारी जंगलों की ओर अपने-अपने क्षेत्रों में देखरेख नहीं कर रहे हैं। जंगल में लगी आग जलते जलते वनविभाग कार्यालय से लगभग 100-200 मीटर दुरी तक आ गयी वनविभाग की लापरवाही कहे या अनदेखी | वनविभाग को खबर तक नही। गनीमत तो रही की रिंगरोड था नहीं तो डिपो तक आग पहुंच जाती। इसके बाद सूचना के लिए वाड्रफनगर वनपरिक्षेत्राधिकारी ऊतम कुमार मिश्रा को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया । इसके बाद एस.डी.ओ. अनिल सिंह पैकरा को सूचना दी गई तो उन्होंने तत्काल कर्मचारियों को भेजा ,कर्मचारी मौके पहुंचकर प्रयास किये. तबतक तो लाखों पौधे जलकर राख बन गये।

अनिल सिंह पैकरा, उपवनमंण्डलाधिकारी – आपके माध्यम से मुझे अवगत कराया गया कि वन विभाग के समीप जंगल में आग लगी है तो मैंने तत्काल वनकर्मचारियों को मौके पर भेजा स्थिति काबू में है ।