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सूख गई कन्हर नदी , नाकारा विभाग के अधिकारी लेंगे इसकी जिम्मेदारी ?

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रामानुजगंज (गौरव) ! कन्हर नदी में करोड़ों खर्च कर छत्तीसगढ़ शासन ने रामानुजगंज सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को एनीकट बनाकर पानी की समस्या दूर कर लेगी एनीकट बनने से नदी में पानी का लेयर ठीक रहने से पूरे क्षेत्र का जल स्तर भी बना रहेगा और पशु पक्षी पालतू पशु सहित अन्य कामों के लिए लोगों को भरपूर जल मिलता रहेगा, परंतु जल संसाधन विभाग के भ्रष्ट कार्यप्रणाली एवं कुछ लापरवाह अधिकारियों की वजह से नदी का पूरा पानी लीक हुए गेट से निकल गया और लोग हैरान रह गए| अब सवाल उठता है कि नगर में पेयजल की व्यवस्था के लिए प्रतिवर्ष शासन लाखों रुपए खर्च करती है. नदी के बीच 3-4 कुआं बनाकर नगर के लोगों को पेयजल की सुविधा दी जाती है. एक छोटी सी लापरवाही ने करोड़ों के एनीकट पर पानी फेर दिया | इस संबंध में रामानुजगंज के अनुविभागीय अधिकारी ने चैती छठ के समय विभाग को पत्र लिखा था| एनीकट के द्वार का जहां-जहां लीकेज है उसे तत्काल बंद कराया जाए उसके बाद भी अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया इसके बाद दिनांक 14 मार्च को एक बार फिर फोन पर बात कर जल संसाधन विभाग के लोगों को लीकेज बंद कराने के संबंध में अवगत कराये जाने के बावजूद भी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया और इसका खामियाजा रामानुजगंज क्षेत्र सहित आस-पास के गांव के साथ-साथ झारखंड प्रदेश के लोग भी भुगत रहे है |

प्रतिवर्ष की नौटंकी – लगभग हर साल गेट की मरम्मत की जरूरत क्यों पड़ती है इस पर रिसर्च होना चाहिये क्या कारण है की एनीकट या एनीकट का गेट को मरम्मत की आवश्यकता पड़ती रहती है | कभी गेट अनावश्यक रूप से खोल दी जाती है तो कभी बंद कर दी जाती है | जरुरत के हिसाब से खोल और बंद किया जाता तो बात समझ में आती | मरम्मत के नाम पर विभाग के अधिकारियो का जेब हमेशा गरम रहे कही यही तो नहीं चाहते है ये लोग अभी तक एनीकट के मरम्मत पर कितना रूपये खर्च कर चुके है | इसका कोई आकड़ा एनीकट के पास बोर्ड बनाकर टंगवा देना चाहिए ताकि नागरिको एवं उच्च अधिकारियो को भी पता चले की आखिर एनिकट के नाम पर क्या खेल खेला जा रहा है |