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विकासखंड कुसमी में नल जल योजना में भारी भ्रष्टाचार, सिर्फ कागजों पर चल रही योजना, नल में एक बूंद पानी तक नहीं।

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कुसमी (अमित सिंह) ! जिले में नल जल योजना की अजब गजब कहानी है। शहरी क्षेत्र की क्या बात करें ग्रामीण क्षेत्र में भी नल जल योजना फ्लॉप हो गई है या कहे पूर्ण रूप से समाप्त हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांशत: स्टैंड पोस्ट से पानी ना निकलने के कारण या कहे नल से पानी नहीं निकलने के कारण लकड़ी की टहनियों को अंदर डाल दिया गया है, विकासखंड में नल जल योजना के तहत जिस भी संवेदक को जैसे ठेकेदार संबंधित सभी इंजीनियर विभाग के अनुविभागीय अधिकारी, कुल मिलाकर कहें ऊपर से लेकर नीचे तक लाखों की लूट कर ली और ठेकेदार अपना भुगतान पाया और चलते बना वही लोग शुद्ध पानी की आस में नल की टोटी और पाइप को ही सालों से निहारते रह रहे हैं विकासखंड में लोगों को शुद्ध पानी पिलाने के लिए नल जल योजना चलाई गई जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के भी विभिन्न इलाकों में नल जल योजना के पाइप बिछाने की प्रक्रिया हुई इसी कड़ी में आदिवासी विकास खंड कुसमी के ग्राम पंचायत कमलापुर जब हमारे संवाददाता ने इस विषय में ग्रामीणों से बात की तो ग्रामीणों ने बताया कि मात्र मेन रोड साइड ही पानी सप्लाई होता है बाकी हमारे बस्ती के पीछे भी नहीं पानी आता पकरी पारा में भी यही स्थिति बनी हुई है, बांस टोली, छापर टोली और परसा टोली इन सभी टोला पारा में स्टैंड पोस्ट बनने के बावजूद भी पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई, वही ग्राम पंचायत जवाहर नगर के ऊपर पारा, किसान पारा एवं सरना पारा की भी यही स्थिति है पानी की एक बूंद भी नल से नहीं निकल रही है । सबसे बड़ी गौर करने की बात तो यह है कि संबंधित ठेकेदारों को लगभग लगभग 80% राशि भुगतान भी कर दिया जा चुका है विभाग के अधिकारियों को यह चाहिए था कि अगर नल से पानी नहीं निकल रहा है तो संबंधित ठेकेदारों को नोटिस देकर उन्हें कार्य को पुनः सुचारू रूप से करने को कहा जाना चाहिए था लेकिन कमीशन खोरी के कारण संबंधित अधिकारियों की मुंह में चुप्पी सी लगी हुई है , अभी तो गर्मी अच्छे तरीके से शुरू भी नहीं हुई है और दूसरी गर्मी चुनावी साल की भी है अगर जनता का प्यास नहीं बुझा तो जनप्रतिनिधि भी प्यासे रह जाएंगे आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ? आम नागरिक अधिकारी, ठेकेदार या जनप्रतिनिधि जनता जवाब मांग रही है साहब जमीनी स्तर पर जवाब दीजिए एवम इन सभी ग्राम पंचायतों के ग्रामों में जाकर जमीनी हकीकत देखी जा सकती है किस तरह से शासन के पैसों का दुरुपयोग करते हुए आदिवासी जनता को उनके हक से वंचित रखा जा रहा है परिणाम स्वरूप अधिकारी मालामाल होते जा रहे हैं और ठेकेदार लखपति से करोड़पति लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है या यूं कहें शासन की महत्वकांक्षी योजना जिसे राज्य एवं केंद्र संयुक्त रूप से संचालित कर रहा है एवं निर्धारित लक्ष्य 2024 तक की प्रत्येक गांव के प्रत्येक घर में स्वच्छ पीने का पानी मुहैया कराने की जो सरकार की मंशा है उस पर फिलहाल अभी तक पानी फिरता दिख रहा है। आजादी के 75 साल बीतने के बाद भी आज तक ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी पीने को नहीं मिलता यह अपने आप में बहुत ही शर्मसार करने वाली बात है कि शासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी तानाशाह अधिकारी और भ्रष्ट ठेकेदार मिलकर किस तरह गरीब जनता के पैसों को चुना लगा रहे हैं यह प्रत्यक्ष रूप से दिख रहा है। इस कड़ी में इतना ही अगली कड़ी में फिर हमारे संवादाता के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर आम जनता की समस्याओं से रूबरू कराया जाएगा। सब इंजीनियर सुश्री सुभद्रा इस विषय में उप संभाग कुसमी की उप अभियंता सुश्री सुभद्रा से बात करना चाहा गया और उन्हें संबंधित ग्राम पंचायतों की समस्याओं के बारे में बताया गया उनके द्वारा किसी प्रकार का कोई स्पष्ट जवाब ना देते हुए फोन काट दिया गया एवं दोबारा लगाने पर फोन रिसीव नहीं किया गया।

परिमल तिवारी अनुविभागीय अधिकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी – इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारी द्वारा यह बताया गया कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है अगर ऐसा है तो मैं उसे दिखाता हूं।