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अब सरकारी परिवारवाद पर लगाम:हर अफसर-कर्मचारी को घोषणापत्र देना होगा कि उनके रिश्तेदार किसी सरकारी काम अथवा टेंडर में शामिल हैं या नहीं

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सरकारी ठेकों में उन्हीं विभागों में काम कर रहे सरकारी अफसर-कर्मचारियों के रिश्तेदारों की ठेकेदारी रोकने के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने कड़े कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। शुरुआत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) से हुई है। इस विभाग के जल जीवन मिशन में जो काम चल रहे हैं, उनमें विवाद उठा था कि वहीं के कुछ अफसरों के रिश्तेदार ठेके ले रहे हैं। इसलिए पीएचई ने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों और ठेकेदारोें के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है।

इसमें कहा गया है कि अब सभी अफसरों और कर्मचारियों को यह घोषणापत्र देना होगा कि किसी भी सरकारी काम या टेंडर में उनके रिश्तेदार शामिल हैं या नहीं। अगर होंगे तो इसकी सूचना विभाग में उच्चस्तर तक देनी होगी। खास बात ये है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा हुआ है, सरकारी विभाग में इस तरह का घोषणापत्र लिया जा रहा है।

जल जीवन मिशन के टेंडर में महासमुंद और कांकेर में कथित तौर पर अपने रिश्तेदारों को करोड़ों का ठेका देने के आरोपों को लेकर बड़ा विवाद हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए जल जीवन मिशन संचालक की ओर से सभी कार्यपालन अभियंता, सदस्य सचिवों के अलावा सभी कर्मचारियों को चिट्‌ठी भेजकर कहा गया है कि ऑनलाइन निविदाओं के नियम-3.11 के अंतर्गत प्रावधान है कि ठेकेदार को उस संभाग के अंतर्गत काम करने की अनुमति नहीं होगी, जहां उनके परिजन संभागीय लेखापाल के रुप में पदस्थ हों। इसी तरह ठेकेदार के रिश्तेदार यदि पीएचई के सचिवालय, संभाग में काम कार्यरत हों या विभाग में किसी राजपत्रित अधिकारी के पद पर काम कर रहे हों इसकी पूरी जानकारी देनी होगी।

घोषणापत्र नहीं दिया तो कार्रवाई
यदि घोषणा पत्र की शर्तों का उल्लंघन किया तो ठेकेदार का नाम पंजीकृत ठेकेदार की सूची से हटा दिया जाएगा। वहीं धारा 3.11 के नियम में प्रावधान है कि ठेकेदारों को भी टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने से पहले विभाग में काम करने वाले रिश्तेदारों की जानकारी करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

उच्चस्तर तक जाएगी जानकारी
विभाग के नियमावली के पैरा 2.085 में प्रावधान है कि यदि किसी टेंडर जारी करने के लिए सक्षम अफसर के परिजन टेंडर में शामिल हो रहा है तो उसका निर्णय वह खुद नहीं कर सकता बल्कि उसे अपने उच्चाधिकारी के पास भेजना होगा। निकट परिजनों से तात्पर्य बेटा, बेटी, पोता, पिता, मां, पत्नी, भाई, बहन, जीजा, साला तथा सास को शामिल किया गया है।

एमडी से एलडीसी तक सभी को
इस सर्कुलर में विभाग के एमडी से लेकर कम्प्यूटर ऑपरेटर तक सभी को भी शामिल किया गया है। इसमें मुख्यालय के अफसरों ने घोषणा पत्र भर जमा करना भी शुरु कर दिया है। विभाग के अफसरों का कहना है कि काम में पारदर्शिता के लिए ऐसा किया गया है।

इसलिए जारी करना पड़ा सर्कुलर

दरअसल कुछ दिनों पहले ही महासमुंद और कांकेर में पीएचई के अफसरों द्वारा अपने रिश्तेदारों को करोड़ों रुपए का ठेका दिए जाने की शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच के बाद यह भी खुलासा हुआ था कि कांकेर में पदस्थ सहदेव राम नेताम(एसआर) नेताम ने अपने रिश्तेदारों को ठेका देने के साथ करोड़ों का भुगतान भी किया था। इस मामले में नेताम के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विभागीय मंत्री आैर सचिव को चिट्‌ठी भी भेजी गई है।