छत्तीसगढ़ में आरक्षण मामले में एक बार फिर से कवायद तेज हो गई है। सोमवार को आबकारी मंत्री कवासी लखमा की अगुवाई में आदिवासी, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। जहां राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से इस मुद्दे पर चर्चा हुई। जिसके बाद कवासी लखमा ने कहा है कि, जैसी उम्मीदें थी, वैसा कुछ नहीं हुआ। इधर बीजेपी ने इस मुलाकात को नौटंकी बताया है।
दिसंबर 2022 से आरक्षण बिल विधानसभा में पारित होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए अटका है। इस पर कांग्रेस सरकार और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। आरक्षण को लेकर भीतर क्या बातें हुईं। अब सिलसिलेवार पढ़िए…
बाहर आकर कवासी लखमा ने कहा, राज्यपाल से मुलाकात तो हुई मगर जैसी उम्मीद थी वैसा आश्वासन नहीं मिला। उनकी बात-चीत से लगा कि वो राजनीति के दबाव में हैं। राज्यपाल यही कहते रहे कि देखते हैं, कर रहे हैं, समीक्षा कर रहे हैं। मगर कुछ ठोस बात नहीं हुई। हम गए तो हमें बैठाया हम सभी की बातें तो सुनी मगर आश्वासन नहीं मिला।
आबकारी मंत्री बोले, वो ज्यादा इंग्लिश बोलते हैं। मैं तो ज्यादा बात नहीं किया। शिशुपाल सोरी कलेक्टर रहे हैं, तो ये अंग्रेजी में बात किए, हमारे पहलवान (यूडी मिंज) विनय जायसवाल ने ज्यादा बात की। राज्यपाल की उम्र हो गई है। तो वो कम सुनते हैं। मुझे उनकी बातों में राजनीति के गुण दिखें, और दबाव में भी दिखे। संवैधानिक पद है राज्यपाल का ,हम सब बोले- आप आदिवासी, पिछड़ा, अनुसूचित जन जाति वर्ग के हमारे संरक्षक हो,भर्तियां रुकी हुई हैं, इसलिए आपका सहयोग चाहिए।
लड़ाई जारी रहेगी
कवासी लखमा ने कहा, 22 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में पेशी है। आरक्षण के मामले में कोर्ट की लड़ाई भी जारी रहेगी। हम प्रदेश के आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि इस वर्ग को आरक्षण मिले, सड़क की लड़ाई लड़ेंगे, विधानसभा की लड़ाई लड़ेंगे, गांव में लड़ाई लडेंगे। लेकिन अधिकार लोगों को दिलाकर रहेंगे।
भाजपा ने बताया नौटंकी
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने आरक्षण मामले में कांग्रेस नेताओं के राजभवन दौरे पर कहा- आरक्षण के नाम पर आखिर कब तक कांग्रेस नौटंकी करती रहेगी। पहले 58 प्रतिशत आरक्षण रद्द करवाया,क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट दबा के बैठे हैं, और सुप्रीम कोर्ट में भी बार-बार पेशी बढ़वा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं मुलाकात
हाल ही में छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- मैंने आरक्षण के मामले में राज्यपाल से बात की है, उनको बताया है कि प्रदेश में सरकारी भर्ती रुकी है। हम चाहते हैं कि इस पर जल्द निर्णय हो। ताकि प्रदेश के हित में काम हो सके, राजनीति अपनी जगह है। सब का उद्देश्य जनता का हित है, युवा पीढ़ी का भविष्य प्रभावित हो रहा है। इसलिए तत्काल संज्ञान लेकर फैसला करने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया था।