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चुनावी गतिविधियां शुरू, समय कम, जरूरत भी नहीं:भूपेश मंत्रिमंडल में अब कोई बदलाव नहीं होगा, यही टीम उतरेगी चुनाव में

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छत्तीसगढ़ के भूपेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना अब लगभग खत्म हो गई है। वर्तमान मंत्रिमंडल के सारे चेहरे अब आने वाले विधानसभा चुनाव तक सरकार में बने रहेंगे। लगभग पिछले दो साल से मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अगर कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम नहीं हुआ तो राज्य के मंत्रिमंडल को अब डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा।

मंत्रिमंडल में बदलाव के सारे कयास अब केवल कयास ही रह जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंत्रिमंडल के पुराने साथियों के साथ ही चुनाव मैदान में जाने वाले हैं। पार्टी सूत्रों का दावा है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल का अब समय नहीं बचा है। पार्टी अब विचार भी नहीं करने वाली है। दरअसल 1 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। 24 दिनों के सत्र में सरकार विधानसभा में उलझी रहेगी। उसके बाद गर्मियों से चुनावी गतिविधियां शबाब पर होंगी। बल्कि इस बार चुनावी माहौल

बजट सत्र के पहले ही बन चुका है। भाजपा ने राज्य में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं और सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री बघेल ने खुद भी भेंट मुलाकात के जरिए पूरे राज्य में दौरा लगभग पूरा कर लिया है। लिहाजा चुनाव नजदीक है, इस कारण सरकार के पास अब उठापटक के लिए अधिक समय नहीं बचा है। दूसरी ओर मंत्रिमंडल का वर्तमान जातिगत समीकरण भी राज्य की राजनीति के लिए मुफीद माना जा रहा है। इन्हीं बातों की वजह से फेरबदल की अटकलों को पार्टी के जिम्मेदार लोग अब पूरी तरह खारिज कर रहे हैं।

भूपेश समेत 13 मंत्री, अब तक कोई फेरबदल नहीं
भूपेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 13 मंत्री हैं। इनमें मुख्यमंत्री बघेल के साथ टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू ने 17 दिसंबर 2018 को शपथ ली थी। उसके बाद 25 दिसंबर 2018 को नौ मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, डॉ. प्रेमसाय सिंह, शिव डहरिया, जयसिंह अग्रवाल, कवासी लखमा, उमेश पटेल, रुद्र गुरु, अनिला भेड़िया ने शपथ ली थी। अमरजीत भगत को 29 जून 2019 को शपथ दिलाई गई थी। इस तरह सारे मंत्री शपथ लेने के बाद से अब तक अपने पद पर बने हुए हैं। बीच में टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग छोड़ दिया। उसके अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है।