Home छतीसगढ़ रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मेडिकल छात्रों को वापस बुलाया:कॉलेज प्रबंधन ने कहा-...

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मेडिकल छात्रों को वापस बुलाया:कॉलेज प्रबंधन ने कहा- डिग्री चाहिए तो आना पड़ेगा, स्टूडेंट्स बोले- गए तो मारे जाएंगे

21
0

रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग अभी खत्म नहीं हुई है, इधर यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को वापस बुलाया गया है। कीव के नेशनल मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की तरफ से नोटिफिकेशन भेजा गया है, जिसमें लिखा है कि, यदि डिग्री चाहिए तो यूक्रेन आना पड़ेगा। कॉलेज प्रबंधन की तरफ से मिले इस मैसेज के बाद से छात्र घबराएं हुए हैं।

पिछले साल यूक्रेन से छत्तीसगढ़ लौटे छात्रों का कहना है कि, अब भी हालात काबू पर नहीं हैं। आंखों के सामने तबाही का मंजर आज भी दिखता है। अब यदि गए तो मारे जाएंगे। दरअसल, बस्तर जिले के 40 स्टूडेंट्स यूक्रेन के कीव में मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। इन छात्रों ने बताया कि, युद्ध के चलते उनकी पढ़ाई पूरी तरह से छूट चुकी है। हालांकि, कुछ ऐसे छात्र भी हैं जिन्हें ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा मिल रही है।

जिनकी पढ़ाई पूरी हुई उन्हें दिल्ली में दी जा रही है डिग्री

यूक्रेन में जिन छात्रों ने कोर्स पूरा कर लिया है। उन्हें अब दिल्ली बुलाकर डिग्री दी जा रही है। जबकि, अन्य सेमेस्टर के छात्रों के लिए कीव के नेशनल मेडिकल कॉलेज ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि, अगर डिग्री चाहिए तो यूक्रेन में परीक्षा देनी पड़ेगी। युद्ध के बीच अपने रिस्क में ही यहां आना पड़ेगा। अगर एग्जाम देने नहीं आ पाए तो उन्हें डिग्री नहीं दी जाएगी।

पोलैंड में पढ़ रहे छात्र

जगदलपुर के रहने वाले शेर सिंह तोमर ने बताया कि, उन्होंने अपनी बेटी और बेटे को यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने भेजा था। बड़ी बेटी दीप्ति तोमर की मेडिकल की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। हाल ही में यूक्रेन से भारत आए यूनिवर्सिटी के स्टाफ ने दिल्ली में डिग्री दी है। लेकिन उनके बेटे निहाल तोमर की पढ़ाई पूरी होने में अभी एक साल बाकी है। यूक्रेन यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन तो शिक्षा मिली। लेकिन कहा गया कि, उन्हें पोलैंड में आकर एग्जाम देना होगा और यहीं रहकर पढ़ाई करनी होगी। जिसके बाद उसे पोलैंड में कोर्स कंप्लीट करने के लिए भेजा गया।

अब कीव के मेडिकल यूनिवर्सिटी से फरमान आया है कि, निहाल को यूक्रेन पहुंचकर आने वाले 14 मार्च को एग्जाम देना होगा। उसके लिए पहले एक फॉर्म भरना होगा, जिसमें यह लिखा होगा कि उसे खुद अपने रिस्क में आकर एग्जाम देना है। जिसके बाद ही उसे डिग्री मिल पाएगी। शेर सिंह तोमर का कहना है कि, यूक्रेन और रूस के बीच अभी युद्ध जारी है। ऐसे में रिस्क लेकर अपने बेटे को यूक्रेन भेजना काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

खतरे के बीच कैसे भेजें?

जगदलपुर की रहने वाली छात्रा शालिनी गुप्ता के परिजन शिवम गुप्ता का कहना है कि, उनकी बहन मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गई थीं। साल 2020 में उसका एडमिशन करवाया गया था। लेकिन अब उसका भविष्य अधर में लटका हुआ है। उन्हें जानकारी मिली है कि कोर्स पूरा करने के लिए युद्ध के बीच यूक्रेन बुलाया जा रहा है, जो काफी खतरनाक है। ऐसे में वे चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार बच्चों का भविष्य अधर में न लटके इसके लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज में उनका एडमिशन कराएं। ताकि कोर्स पूरा किया जा सके।