रायपुर के कलेक्ट्रेट के एक दर्जन से अधिक विभागों के सैंकड़ों कर्मचारी अब समय पर ही नहीं बल्कि समय से पहले दफ्तर आने लगे हैं। कई बार अफसरों की डांट, नोटिस के बाद भी जो न हुआ अब हो रहा है। समय पर न आने वाले लापरवाह कर्मचारी भी समय से पहले कलेक्ट्रेट पहुंचकर अटेंडेंस रजिस्टर पर साइन करते हैं और जाकर अपनी सीट पर बैठ जाते हैं। कर्मचारियों की देर से आने की बिगड़ी आदत सुधारने के लिए अफसरों ऐसी जुगत लगाई है कि अब हालात बदल से गए हैं।
कलेक्टर ऑफिस में सुबह हाजिरी लगाने अब होड़ मचती है । परिस्थितियों को देखने के लिए दैनिक भास्कर संवाददाता सुमन पांडेय् सुबह राजधानी के इस बड़े सरकारी दफ्तर में पहुंचे। यहां देखने को मिला कि कलेक्टर ऑफिस के कमरा नंबर 5 के पास का जो गलियारा सुबह 11 बजते-बजते चहल पहल से भरा करता था, वहां सुबह 9 बजकर 35 मिनट तेज चहलकदमी करते कर्मचारी दिखे। हर किसी के चेहरे पर हड़बड़ी और चिंता कि कहीं लेट न हो जाए।
कोई ऑटो से पहुंच रहा है तो किसी को परिजन कलेक्टर ऑफिस के भीतर तक छोड़ रहे हैं। इसके बाद सभी कर्मचारी भागते हैं कमरा नंबर 5 की ओर। क्योंकि यहां रखा अटेंडेंस रजिस्टर । अरे जल्दी चलो…, आज कहीं साइन करने से चूक न जाएं, यही बड़बड़ाते हुए कर्मचारी कमरे की तरफ जा रहे थे। जैसे ही 10 बजा कर्मचारियों की भीड़ लग गई।
झट से एक कर्मचारी आता साइन करता और अपनी सीट या कक्ष की ओर भागता। 10 बजकर 15 मिनट होते-होते ये भाग-दौड़ खत्म और सभी कर्मचारी हाजिर हैं। इसके बाद डिप्टी कलेक्टर स्तर के एक अधिकारी निरीक्षण पर आते हैं देखते हैं कि सब पहुंचे या नहीं। जो लेट आता है उसे अटेंडेंस रजिस्टर पर साइन करने का मौका नहीं मिलता है क्योंकि रजिस्टर बड़े अफसर अपने साथ लेकर चले जाते हैं।
ये है पूरा मामला
सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों को सुबह 10 बजे काम पर आने कहा गया था। पिछले लंबे वक्त से रायपुर कलेक्ट्रेट के कई डिपार्टमेंट के कर्मचारी समय पर नहीं आ रहे थे। पिछने महीने बीते दिसंबर में कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे ने एक आदेश जारी किया। इसमें सभी कर्मचारियों को समय पर आने की हिदायत दी गई थी। साथ ही ये भी लिखा था कि लिपिक और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के समय पर सुबह 10बजे ऑफिस नहीं आने की वजह से कार्य प्रभावित हो रहा है।

रायुपर के कलेक्टर ने अपर, संयुक्त और डिप्टी कलेक्टर स्तर के अफसरों को सप्ताह के 5 दिनों का जिम्मा बांट दिया। कह दिया कि हर अफसर तय दिन के मुताबिक 10 बजे जांच करेगा कि कौन-कौन कर्मचारी पहुंचा या नहीं पहुंचा। अब इन अफसरों ने अलग-अलग विभागों की जांच करने की बजाए, सभी के अटेंडेंस रजिस्टर कमरा नंबर 5 में रखवा दिए हैं। बस इसी वजह से सभी कर्मचारी हड़बड़ा कर समय से पहले पहुंच रहे हैं और हर रोज तय समय के बाद रजिस्टर हटा लिया जाता है। देर से आने वालों को अफसरों की फटकार भी मिल रही है।